Sunday, May 19, 2013

हितग्राहियों की मौत के बाद भी लेते रहे राशन

भास्कर न्यूज  : देवभोग: Sunday, May 19, 2013.
मैनपुर विकासखंड के छैलडोंगरी पंचायत में घपला करने का एक नया तरीका सामने आया है। पंचायत की विभिन्न योजनाओं में हितग्राही रह चुके कई लोगों की मौत होने के बावजूद, उनके नाम को सूची से पंचायत ने नहीं काटा। बीते दो साल से दर्जन भर मृत हो चुके हितग्राहियों के नाम से मिल रही योजना पर पंचायत के सरपंच व जिम्मेदार प्रशासनिक कर्मियों से सांठगांठ कर योजना की राशि की बंदरबांट की जा रही थी। उपसरपंच को शंका होने पर पंचायत की बैठक में उसने जानकारी चाही पर उसे नहीं दी गई। इसके बाद उपसरपंच सोनसाय सिन्हा ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो सबके होश उड़ गए। जानकारी मिलने के बाद पंचायत के कई पंचों ने लामबद्ध होकर कलेक्टर से इसकी शिकायत 26 अप्रैल को की है।
शिकायत के मुताबिक बीपीएल राशन कार्डधारी मनधर की मौत 2009 में, मनसाय की मौत 2011 में व मुकुंद की 2012 में मौत हो चुकी है। बावजूद इनके नाम पर मार्च 2013 तक राशन निकलता रहा है। ऐसे ही दर्जन भर कार्ड और हैं जिनके धारकों का कोई अता-पता नहीं लेकिन उनके नाम से राशन आहरण कर बंदरबांट की जा रही है। इसी तरह पीडीएस दुकान का संचालन पंचायत द्वारा किया जा रहा है, दुकान में सरपंच पति द्वारा मनमानी करने का आरोप भी पंचों ने लगाया है। पंचों के मुताबिक 132 एपीएल कार्डधारियों को 15 किलो के बजाए 10 किलो चांवल दिया जा रहा था, सरपंच पति द्वारा बचत चावल की कालाबाजारी करने का आरोप पंचों ने लगाया है। 6 मई 2013 को सरपंच पति भारत राम ध्रुव द्वारा सुबह 7 बजे दुकान खोलकर गांव के नाकोराम को 12 रू. किलो की दर से 50 किलो चावल बेचते हुए पंचों ने रंगे हाथों दबोचा था। बाकायदा पंचनामा कर इसकी कापी संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी दी थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। शिकायत पत्र के अनुसार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना के अंतर्गत पंचायत की सूची में शामिल दर्जन भर से 'यादा हितग्राहियों की मौत होने के बाद भी उसकी राशि सरपंच सचिव द्वारा आहरित की गई। शिकायत के बाद जनपद ने जब सूची मांगी तो हड़बड़ी में तैयार की गई सूची में पंचायत खुद फंसती नजर आ रही है। मृत लोगों की सूची में जिस हिरोदी बाई को 21 जनवरी 2012 को मृत होना बताया गया है, उसके नाम पर दिसंबर 2012 तक पेंशन आहरण होती रही।
चारोबाई की मृत्यु 25 जून 2011 को हो गई थी लेकिन पंचायत द्वारा साल भर तक पेंशन की राशि आहरण करने के बाद उसे 7 मई 2012 को मृत बता दिया। इसी तरह दीनूराम, हरिराम के मरने की तारीख को गलत दर्शाया गया है। पेंशनधारी मेहत्तर राम पिता शोभाराम आज भी जीवित है किंतु उसे 29 मई 2012 को मृत बताकर उसे योजना से वंचित कर दिया गया है।