Dainik Bhaskar: Madhubani: Sunday, 24 August 2025.
मधुबनी जिले में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी नहीं देने पर अंचलाधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। हरलाखी अंचल अधिकारी और लोक सूचना पदाधिकारी रीना कुमारी के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दर्ज किया गया है। मधुबनी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट ने 21 अगस्त को यह फैसला सुनाया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रज नारायण झा और अधिवक्ता लोकेश नाथ मिश्रा ने कोर्ट परिवाद वाद संख्या 608/2025 के तहत यह मामला दर्ज कराया है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले को जांच और विचारण के लिए डी एन झा न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भेज दिया है।
जमाबंदी से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी
RTI कार्यकर्ता बीरेंद्र कुमार निधि ने मौजा कलना, थाना नंबर 20 के कुछ जमाबंदी से जुड़ी जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार के नियम के अनुसार, 30 दिनों में सूचना देनी थी, लेकिन 9 जून 2024 तक कोई जवाब नहीं मिला। आवेदक ने 10 जून को प्रथम अपील प्राधिकार-सह-अनुमंडल पदाधिकारी, बेनीपट्टी के समक्ष अपील दायर की गई।
अंचलाधिकारी ने RTI के तहत नहीं दी थी जानकारी
प्रथम अपील प्राधिकार कार्यालय ने 14 जून 2024 को विभिन्न ज्ञापांकों के माध्यम से लोक सूचना अधिकारी को 15 दिनों के अंदर सूचना देने का आदेश जारी किया, लेकिन अंचलाधिकारी ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और सूचना अधिकारी नियम के तहत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
अंचलाधिकारी सह लोक सूचना पदाधिकारी के खिलाफ पिछले साल जुलाई 2024 में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पर एक्शन नहीं होने के बाद मार्च 2025 में फिर से लीगल नोटिस जारी किया गया।आरटीआई कार्यकर्ता ने जुलाई 2025 में नगर थाना मधुबनी में शिकायत दर्ज की। यहां से भी ठोस कार्रवाई नहीं होने के बाद कार्यकर्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
8 अगस्त को कोर्ट में परिवाद दायर
कार्यकर्ता बीरेंद्र निधि ने 8 अगस्त को कोर्ट में परिवाद दायर की। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 21 अगस्त को अंचालाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश पारित किया। यह संभवतः बिहार का पहला मामला है, जहां RTI के तहत सूचना नहीं देने पर लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मधुबनी जिले में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी नहीं देने पर अंचलाधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। हरलाखी अंचल अधिकारी और लोक सूचना पदाधिकारी रीना कुमारी के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दर्ज किया गया है। मधुबनी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट ने 21 अगस्त को यह फैसला सुनाया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रज नारायण झा और अधिवक्ता लोकेश नाथ मिश्रा ने कोर्ट परिवाद वाद संख्या 608/2025 के तहत यह मामला दर्ज कराया है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले को जांच और विचारण के लिए डी एन झा न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भेज दिया है।
जमाबंदी से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी
RTI कार्यकर्ता बीरेंद्र कुमार निधि ने मौजा कलना, थाना नंबर 20 के कुछ जमाबंदी से जुड़ी जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार के नियम के अनुसार, 30 दिनों में सूचना देनी थी, लेकिन 9 जून 2024 तक कोई जवाब नहीं मिला। आवेदक ने 10 जून को प्रथम अपील प्राधिकार-सह-अनुमंडल पदाधिकारी, बेनीपट्टी के समक्ष अपील दायर की गई।
अंचलाधिकारी ने RTI के तहत नहीं दी थी जानकारी
प्रथम अपील प्राधिकार कार्यालय ने 14 जून 2024 को विभिन्न ज्ञापांकों के माध्यम से लोक सूचना अधिकारी को 15 दिनों के अंदर सूचना देने का आदेश जारी किया, लेकिन अंचलाधिकारी ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और सूचना अधिकारी नियम के तहत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
अंचलाधिकारी सह लोक सूचना पदाधिकारी के खिलाफ पिछले साल जुलाई 2024 में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पर एक्शन नहीं होने के बाद मार्च 2025 में फिर से लीगल नोटिस जारी किया गया।आरटीआई कार्यकर्ता ने जुलाई 2025 में नगर थाना मधुबनी में शिकायत दर्ज की। यहां से भी ठोस कार्रवाई नहीं होने के बाद कार्यकर्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
8 अगस्त को कोर्ट में परिवाद दायर
कार्यकर्ता बीरेंद्र निधि ने 8 अगस्त को कोर्ट में परिवाद दायर की। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 21 अगस्त को अंचालाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश पारित किया। यह संभवतः बिहार का पहला मामला है, जहां RTI के तहत सूचना नहीं देने पर लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।