ETV Bharat: Panchkula: Friday,
22 November 2024.
हरियाणा में HPS भर्ती हुए 10 अधिकारियों को तीन साल बाद भी कैडर ईयर का आवंटन नहीं किया गया है.
हरियाणा में HPS भर्ती हुए 10 अधिकारियों को तीन साल यानी 40 महीने बाद भी कैडर ईयर का आवंटन नहीं किया गया है. जबकि साल 2021 में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल की सरकार में इन सभी अधिकारियों को IPS प्रमोट किया गया था. इन अधिकारियों में से 4 IPS अधिकारी विभिन्न जिलों में बतौर SP सेवारत हैं. सभी 10 अधिकारियों को कैडर ईयर आवंटन नहीं होने का खुलासा केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आरटीआई (सूचना का अधिकार) से हुआ.
हरियाणा सरकार ने नहीं भेजा प्रस्ताव: आरटीआई में जवाब मिला कि हरियाणा सरकार ने कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा है. जिसके कारण अधिकारियों को कैडर ईयर नहीं मिलने का मामला लंबित है. हालांकि इन सभी 10 HPS अधिकारियों को जुलाई 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में पदोन्नत किया गया था. इन अधिकारियों में IPS कमलदीप गोयल, विजय प्रताप, दीपक सहारण, भूपिंदर सिंह, सुमित कुमार, सुरेंद्र सिंह भौरिया, राजेश कालिया, विनोद कुमार, राजीव देसवाल और राज कुमार हैं. 40 महीने की समय अवधि बीतने के बाद भी इन 10 अधिकारियों को IPS का बैच आवंटित नहीं किया गया.
पहली RTI में नहीं मिली जानकारी: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वकील एवं प्रशासनिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने 24 जुलाई 2024 को केंद्रीय गृह मंत्रालय में RTI दायर कर इस मामले में देरी होने के कारण की जानकारी मांगी थी, लेकिन मंत्रालय द्वारा मांगी गई सूचना प्रश्न के रूप में होने का जवाब दिया गया. सूचना का अधिकार कानून, 2005 की धारा 2 (एफ) के अंतर्गत इसे सूचना की परिभाषा में नहीं आने की जानकारी दी गई.
बैच वर्ष की जानकारी मांगने पर हुआ खुलासा: वकील हेमंत कुमार द्वारा बीती 1 अगस्त को इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय में दोबारा एक अन्य आरटीआई दायर की गई, लेकिन इस बार उन्होंने हरियाणा के उक्त 10 आईपीएस अधिकारियों के बैच वर्ष आवंटन में 3 वर्ष से देरी की सूचना मांगने के बजाय उनके बैच वर्ष संबंधी सूचना मांगी. 14 अगस्त 2024 को गृह मंत्रालय में सेवारत डायरेक्टर (पुलिस) और CPIO सुषमा चौहान द्वारा उस याचिका को जवाब दिया.
राज्य सरकार से प्रस्ताव मिलने पर आवंटन: आरटीआई में जवाब मिला कि IPS (प्रमोशन से नियुक्ति) रेगुलेशन, 1955 के अनुसार पदोन्नत आईपीएस अधिकारियों को बैच वर्ष का आवंटन संबंधित राज्य सरकार से प्राप्त प्रस्ताव के बाद होता है. नतीजतन राज्य सरकार से प्रस्ताव मिलने के बाद ही उक्त अधिकारियों को IPS बैच वर्ष आवंटित किया जाएगा.
8 डायरेक्ट HPS व 2 इंस्पेक्टर से DSP प्रमोट: सभी 10 पदोन्नत IPS अधिकारियों में से 8 अधिकारी जनवरी 2004 में HCS और एलाइड परीक्षा-2003 उत्तीर्ण कर हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) भर्ती होकर DSP पद पर नियुक्त हुए. जबकि 2 अधिकारियों राज कुमार और राजीव देसवाल वर्ष 2006 व 2007 में इंस्पेक्टर से DSP पद पर पदोन्नत हुए.
कैडर ईयर की परिभाषा: कैडर ईयर से अभिप्राय है कि यह विशेष रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (IAS, IPS, IFS) आदि सरकारी सेवाओं में उपयोग होती है. इसके तहत निर्धारित समयावधि में किसी कर्मचारी को एक विशेष सेवा, प्रशिक्षण या कार्य में काम करने के लिए नियुक्त किया जाता है.
हरियाणा में HPS भर्ती हुए 10 अधिकारियों को तीन साल बाद भी कैडर ईयर का आवंटन नहीं किया गया है.
हरियाणा में HPS भर्ती हुए 10 अधिकारियों को तीन साल यानी 40 महीने बाद भी कैडर ईयर का आवंटन नहीं किया गया है. जबकि साल 2021 में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल की सरकार में इन सभी अधिकारियों को IPS प्रमोट किया गया था. इन अधिकारियों में से 4 IPS अधिकारी विभिन्न जिलों में बतौर SP सेवारत हैं. सभी 10 अधिकारियों को कैडर ईयर आवंटन नहीं होने का खुलासा केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आरटीआई (सूचना का अधिकार) से हुआ.
हरियाणा सरकार ने नहीं भेजा प्रस्ताव: आरटीआई में जवाब मिला कि हरियाणा सरकार ने कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा है. जिसके कारण अधिकारियों को कैडर ईयर नहीं मिलने का मामला लंबित है. हालांकि इन सभी 10 HPS अधिकारियों को जुलाई 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में पदोन्नत किया गया था. इन अधिकारियों में IPS कमलदीप गोयल, विजय प्रताप, दीपक सहारण, भूपिंदर सिंह, सुमित कुमार, सुरेंद्र सिंह भौरिया, राजेश कालिया, विनोद कुमार, राजीव देसवाल और राज कुमार हैं. 40 महीने की समय अवधि बीतने के बाद भी इन 10 अधिकारियों को IPS का बैच आवंटित नहीं किया गया.
पहली RTI में नहीं मिली जानकारी: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वकील एवं प्रशासनिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने 24 जुलाई 2024 को केंद्रीय गृह मंत्रालय में RTI दायर कर इस मामले में देरी होने के कारण की जानकारी मांगी थी, लेकिन मंत्रालय द्वारा मांगी गई सूचना प्रश्न के रूप में होने का जवाब दिया गया. सूचना का अधिकार कानून, 2005 की धारा 2 (एफ) के अंतर्गत इसे सूचना की परिभाषा में नहीं आने की जानकारी दी गई.
बैच वर्ष की जानकारी मांगने पर हुआ खुलासा: वकील हेमंत कुमार द्वारा बीती 1 अगस्त को इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय में दोबारा एक अन्य आरटीआई दायर की गई, लेकिन इस बार उन्होंने हरियाणा के उक्त 10 आईपीएस अधिकारियों के बैच वर्ष आवंटन में 3 वर्ष से देरी की सूचना मांगने के बजाय उनके बैच वर्ष संबंधी सूचना मांगी. 14 अगस्त 2024 को गृह मंत्रालय में सेवारत डायरेक्टर (पुलिस) और CPIO सुषमा चौहान द्वारा उस याचिका को जवाब दिया.
राज्य सरकार से प्रस्ताव मिलने पर आवंटन: आरटीआई में जवाब मिला कि IPS (प्रमोशन से नियुक्ति) रेगुलेशन, 1955 के अनुसार पदोन्नत आईपीएस अधिकारियों को बैच वर्ष का आवंटन संबंधित राज्य सरकार से प्राप्त प्रस्ताव के बाद होता है. नतीजतन राज्य सरकार से प्रस्ताव मिलने के बाद ही उक्त अधिकारियों को IPS बैच वर्ष आवंटित किया जाएगा.
8 डायरेक्ट HPS व 2 इंस्पेक्टर से DSP प्रमोट: सभी 10 पदोन्नत IPS अधिकारियों में से 8 अधिकारी जनवरी 2004 में HCS और एलाइड परीक्षा-2003 उत्तीर्ण कर हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) भर्ती होकर DSP पद पर नियुक्त हुए. जबकि 2 अधिकारियों राज कुमार और राजीव देसवाल वर्ष 2006 व 2007 में इंस्पेक्टर से DSP पद पर पदोन्नत हुए.
कैडर ईयर की परिभाषा: कैडर ईयर से अभिप्राय है कि यह विशेष रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (IAS, IPS, IFS) आदि सरकारी सेवाओं में उपयोग होती है. इसके तहत निर्धारित समयावधि में किसी कर्मचारी को एक विशेष सेवा, प्रशिक्षण या कार्य में काम करने के लिए नियुक्त किया जाता है.