पंजाब
केसरी: मुंबई: Friday, 25 December 2015.
देश
की मायानगरी कहे जाने वाले इस शहर की अनेक दिग्गज फिल्म व टेलीविजन कार्यक्रम
निर्माता कंपनियां राज्य सरकार को पेशेवर कर का भुगतान ही नहीं कर रही हैं। सूचना
के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत हासिल जानकारी में यह खुलासा हुआ है। इन फर्मों
या प्राडक्शन हाउसों में शाहरूख खान का रेड चिलीज इंटरटेनमेंट, विनोद खन्ना प्राडक्शंस, राजश्री प्राडक्शंस, संजय
लीला भंसाली प्राइवेट लिमिटेड,
बी आर फिल्मस प्राडक्शंस, अनुराग कश्यप फिल्मस प्राइवेट लिमिटेड, यशराज फिल्मस,
जान अब्राहम इंटरटेनमेंट
प्राइवेट लिमिटेड, अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन
प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है।
संयुक्त
आयुक्त बिक्री कर (पेशेवर कर) कार्यालय द्वारा दिए गए जवाब में यह जानकारी सामने
आई है। आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन राय ने इस जवाब के आधार पर इस तरह के 110 प्राडक्शन हाउस के खिलाफ बिक्री कर कार्यालय (मुंबई)
में शिकायत दर्ज कराई है। महाराष्ट्र
पेशेवर कर कानून 1975 के अनुसार राज्य में प्रभावी
आय अर्जित करने वाले व्यक्ति,
भागीदारी फर्म, कंपनी,
व्यक्तियों के निकाय या
व्यक्तियों के एसोसिएशन पर पेशेवर कर लागू हेाता है। इसके तह तहर कारोबारी इकाई
(पेशेवर या कारोबा) को 2500 रुपए प्रति वर्ष प्रति पेशेवर
के हिसाब से कर चुकाना होता है भले ही वह घाटे में हो या फायदे में।
आरटीआई
कार्यकर्ता ने नौ आरटीआई सवालों के जरिए उक्त जानकारी जुटाई है। बिक्री कर (पेशेवर कर) कार्यालय के एक वरिष्ठ
अधिकारी ने संपर्क करने पर पुष्टि की कि उन्हें आरटीआई कार्यकर्ता से शिकायत मिली
है और वे चूककर्ताओं को शीघ्र ही नोटिस जारी करेंगे। यहां के एक चार्टर्ड एकाउंटेंट नागेश दुबे ने
कहा कि कर्मचारी को अपने नियोक्ता के जरिए पेशेवर कर का भुगतान करना होता है और इस
मामले में प्रथम दृष्टया (प्राडक्शन हाउसों के) मालिक कर चोरी करते नजर आ रहे हैं।