नवभारत
टाइम्स: नई
दिल्ली: Monday, 13 July 2015.
सार्वजनिक
क्षेत्र की कंपनियां अब उन लोगों की पहचान कर रही है, जो उनसे कोई सूचना निकालने के लिए बार-बार RTI डालते हैं। कंपनियां ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए
अपने रिकॉर्ड्स को खंगाल रही हैं।
इसके
बाद एक लिस्ट बनाई जाएगी, जिसके बाद इस लिस्ट को रिक्वेस्ट
ब्लॉक करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनियों ने दावा किया कि टेंडर में
प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की प्राइस का पता लगाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की
कंपनियां इस तरह का हथकंडा अपनाती हैं।
बार-बार
RTI डालने वाले लोगों का पता लगाने में पब्लिक एंटरप्राइजेज
की स्टैंडिंग कमिटी (SCOPE)
भी सार्वजनिक क्षेत्र की
कंपनियों की मदद कर रही हैं। स्कोप के महानिदेशक यू. डी. चौबे ने बताया कि बार-बार
अनावश्यक RTI आवेदनों से सार्वजनिक क्षेत्र
के उपक्रमों की उत्पादन क्षमता भी प्रभावित होती है।