दैनिक
जागरण: भोपाल: Sunday, 19 July 2015.
सीबीआइ
ने अब तक जितनी एफआइआर दर्ज की है,
उसमें सबसे ज्यादा आरोपी
वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2013
के हैं। भले ही सीबीआइ
ने आरोपियों के सारे नामों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन
पड़ताल में मालूम हुआ कि इस मामले में सरकार के मंत्रियों से लेकर कई रसूखदारों ने
जमकर गड़बडि़यां करवाई हैं।
कुल
87 लोगों की सिफारिशें इन लोगों ने की थीं। सारा घालमेल
व्यापम के मास्टर माइंड नितिन महिंद्रा ने किया। बाकी कर्मचारियों ने साजिश को
अंजाम दिया।
इस
खेल में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सूचना के अधिकार यानी आरटीआइ का भी खुलकर
दुरपयोग हुआ। परिणाम जारी होने के बाद महिंद्रा स्ट्रांग रू म से ओएमआर शीट आरटीआइ
के जरिए निकलवा लेते थे और गोले लगाकर फिर जमा करवा देते थे।
इस
दौरान स्कैन डॉटा को भी रिजल्ट के मुताबिक ठीक कर लिया जाता था। अब इन आरोपियों के
खिलाफ सीबीआइ और भी पुख्ता सुबूत जुटाएगी। इस मामले में सीबीआइ ने अपराध दर्ज किया
है।
ये
हैं व्यापम के प्रमुख दागी
· लक्ष्मीकांत शर्मा, पूर्व
मंत्री : 17 अभ्यर्थियों के नाम दिए, इन सभी पर 'मिनिस्टर' कोड लिखा है
· पंकज त्रिवेदी,
तत्कालीन नियंत्रक :
अभ्यर्थियों के नाम उत्तीर्ण करने के लिए एक्सेल शीट तैयार की
· नितिन महिंद्रा,
तत्कालीन सीनियर सिस्टम
एनालिस्ट व्यापम
· सीके मिश्रा,
सहायक प्रोग्रामर व्यापम
: स्ट्रांग रू म से ओएमआर शीट निकलवाई
· भरत मिश्रा,
पंकज त्रिवेदी का मित्र
एवं पड़ोसी -राघवेंद्र सिंह तोमर,
साजिश में शामिल होने का
आरोप
· इनके अलावा भी ढेरों आरोपी हैं जिन्होंने मिलकर
घोटाले को अंजाम दिया