Jagaran: Ranchi: Monday,
January 27, 2014.
आज
हम अपने गणतंत्र की 65वीं वर्षगाठ मनाने जा रहे है.
इस दौरान देश के नागरिकों को कई नई चीजें मिलीं. आजादी और गणतंत्र में इस दौरान कई
उतार-चढ़ाव आए, लेकिन साल 2005 में आम नागरिकों को मिला सूचना का अधिकार इसमें मील
का पत्थर साबित हुआ है. इसे लोग इंडियन रिपब्लीक को और जिम्मेदार बनाने के तौर पर
देख रहे हैं. एडमिनिस्ट्रेशन को ट्रांसपरेंट और रिस्पांसिबल बनाने में इसका काफी
रोल रह रहा है. पूरी दुनिया
में सूचना की आजादी के आंदोलनों के बाद भारत ने भी यह जरूरत महसूस की कि हमारे देश
में भी आम नागरिकों को सूचना का अधिकार मिलना चाहिए.
आखिर
क्या है आरटीआई?:
इंडिया
एक डेमोक्रेटिक कंट्री है. ऐसे में आम जनता को यह अधिकार है कि वह गवर्नमेंट के
सभी डिपार्टमेंट्स और गवर्नमेंट के काम-काज से संबंधित इनफॉरमेशन प्राप्त कर सकता
है. राइट टू इनफॉरमेशन आम नागरिकों का ऐसा
अधिकार है, जिसमें वह गवर्नमेंट से कोई भी
सवाल पूछ सकने के साथ ही कोई भी इनफॉरमेशन ले सकते है. गवर्नमेंट के अंतर्गत
आनेवाले सभी डिपार्टमेंट्स के काम-काज की
वह लिखित जानकारी मांग सकता है.
ट्रांसपरेंसी
लाना है मकसद:
आरटीआई
का मकसद सरकारी काम-काज में ट्रांसपरेंसी लाना, करप्शन
खत्म करना और आम नागरिकों को सूचना उपलध कराना है. आरटीआई के जरिए आम नागरिक
सरकारी विभाग, पिलक सेक्टर यूनिट और
किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता से चल रही सरकारी संस्थाओं से सूचना मांग सकता
है. आरटीआई से सरकारी काम-काज में पारदर्शिता आती है और करप्शन खत्म होने के साथ
ही देश के जिन नागरिकों
के टैक्स से गवर्नमेंट डिपार्टमेंट चल रहे होते हैं, वह
नागरिक भी जान सकते हैं कि उनका पैसा कहां खर्च हो रहा है.
कैसे
मांगे आरटीआई से सूचना:
आरटीआई
कानून लागू होने के साथ ही सरकार के सभी विभागों में जन सूचना पदाधिकारी की
नियुक्ति की गई है. इन अधिकारियों के बारे में जानकारी सभी ऑफिस में लगाना
अनिवार्य हो गया है. ऐसे में आप विभाग के जन सूचना पदाधिकारी के नाम एप्लीकेशन
देकर सूचना मांग सकते हैं. आरटीआई के लिए आपको जो एप्लीकेशन देना है, उसका कुछ खास फॉर्मेट नहीं है. आप किसी सादे पेपर पर
जन सूचना पदाधिकारी के नाम एप्लीकेशन लिखकर जमा कर सकते हैं. कुछ विभागों में
आरटीआई एप्लीकेशन फॉर्म फ्री में दिया जाता भी है. आप उसे भी यूज कर सकते है. आप
हाथ से या कंप्यूटर से टाइप कराकर भी एप्लीकेशन दे सकते हैं. आरटीआई के जरिए
जानकारी हासिल करने के लिए आवेदक को 10 रुपए की फीस देनी होती है. जो
लोग बीपीएल कैटेगरी के है,
उनके लिए कोई फीस नहीं
है. अगर आप राज्य सरकार के किसी विभाग से आरटीआई के जरिए सूचना मांग रहे हैं, तो आप इसे डिमांड ड्राफ्ट के जरिए जमा कर सकते हैं.
सेंट्रल गवर्नमेंट के आफिस में पोस्टल ऑर्डर भी मान्य है. कुछ आफिस में 10 रुपए नगद भी जमा करके रसीद प्राप्त कर सकते हैं.
कैसे
जमा करें एप्लीकेशन?:
किसी
विभाग से सूचना मांगने के लिए आप आरटीआई फार्म को उस डिपार्टमेंट में जन सूचना
पदाधिकारी या सहायक जन सूचना पदाधिकारी के ऑफिस में व्यक्तिगत तौर पर जाकर या डाक
के जरिए भेजकर जमा कर सकते हैं. आरटीआई जमा करते समय आप रसीद लेना न भूलें. अगर आप
डाक से जमा कर सकते हैं, तो आप जीपीओ में अधिकारी के
पास फीस जमा करके रशीद प्राप्त कर लें.
अगर
एप्लीकेशन न लिया जाए:
ऐसे
में आपके पास कई रास्ते हैं. पहला तो आप इस आरटीआई को डाक से भेजें. ऐसे में आप
सूचना आयुक्त के पास सूचना अधिकार कानून की धारा 18
के अंतर्गत शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सूचना आयुक्त को उस अधिकारी पर 25000 रुपए का अर्थदंड लगाने का अधिकार है.
30 दिनों में मिलेगी सूचना:
अगर
आपने किसी सरकारी विभाग के किसी ऑफिस से आरटीआई के जरिए सूचना मांगी है, तो नियम के अनुसार 30
दिनों के अंदर आपको सूचना मिल जानी चाहिए. यदि आपने सहायक जन सूचना पदाधिकारी के
समाने आरटीआई जमा किया है,
तो आपको 35 दिन के अंदर सूचना मिल जाएगी. यदि आपने ऐसी सूचना
मांगी है, जो किसी व्यक्ति के जीवन और
स्वतंत्रता को प्रभावित करती है,
तो ऐसी सूचना आपको 48 घंटे के भीतर मिल जानी चाहिए.
कोई
नहीं टाल सकता:
आपने
आरटीआई के जरिए जो सूचना मांगी है,
उसके लिए कोई भी जन
सूचना पदाधिकारी, सहायक जन सूचना पदाधिकारी या
उस विभाग का कोई भी कर्मचारी यह नहीं पूछ सकता कि आपको सूचना क्यों चाहिए. आरटीआई
से सूचना मांगते समय यह बताना जरूरी नहीं है कि हमे सूचना क्यों चाहिए? आपको इसके लिए कोई कारण या अतिरिक्त जानकारी देने की
जरूरत नहीं है. बस आपको अपना नाम और पूरा पता लिखना ही जरूरी है.
कर
सकते हैं अपील दायर:
यादि
आपने किसी विभाग से आरटीआई के जरिए सूचना मांगी है और वह आपको समय से नहीं मिली या
जो सूचना दी गई है, उससे आप संतुष्ट नहीं हैैं, तो ऐसे में आप आप उस डिपार्टमेंट के प्रथम अपीलीय
अधिकारी के पास अपील दायर कर सकते हैैं. यह उस विभाग के जन सूचना पदाधिकारी का
सीनियर होता है. इसके लिए कोई निर्धारित फार्म नहीं होता. आप सादे पेज पर प्रथम
अपीलीय अधिकारी के नाम एप्लीकेशन लिखें और इस अप्लीकेशन के साथ आपने जो अपना आरटीआई एप्लीकेशन जाम किया है, उसकी फोटोकॉपी लगाकर जमा करें. ध्यान रखें, इसके लिए आपको अलग से कोई फीस नहीं जमा करनी है.