Friday, September 02, 2011

बीसीसीआई पर भड़के खेल मंत्री, खूब सुनाई खरी-खोटी.

दैनिक भास्कर:Friday, Sep 02, 2011.
नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अजय माकन ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के अंतर्गत आने से इंकार करने पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को लताड़ लगाई है। माकन ने कहा कि बीसीसीआई भले ही कह रही हो कि उसका खर्चा सरकारी मदद के बगैर चलता है लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि उसे सरकार से कर में छूट मिलती है, जो एक लिहाज से सरकारी मदद ही है।
माकन का यह बयान उनके द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल अधिनियम को कैबिनेट द्वारा नकारे जाने के एक दिन बाद आया है। माकन ने कहा, "बीसीसीआई ने कहा है कि उसे सरकारी मदद नहीं मिलती, लिहाजा वह आरटीआई के अंतर्गत नहीं आना चाहती। आखिर इसका क्या मतलब है? बीसीसीआई अपरोक्ष रूप से सरकार से मदद पा रही है। करों में छूट क्या है? उसे जो जमीन मिलती है, वह क्या है? फिरोजशाह कोटला के लिए बीसीसीआई ने कितनी रकम अदा की है?"
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बीसीसीआई को मनोरंजन कर नहीं देना पड़ता। साथ ही साथ वह मैचों के आयोजन को लेकर सरकार को सुरक्षा के लिए भुगतान नहीं करती। यही नहीं, उसे स्टेडियमों के निर्माण के लिए मिलने वाली जमीन अमूमन मुफ्त की होती है। इस लिहाज से लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उसके अंदर क्या चल रहा है। लोगों को कुछ बातें जानने का अधिकार है क्योंकि बीसीसीआई जो टीम तैयार करती है, वह अंतत: देश के लिए खेलती है।"
माकन ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा कि खेल महासंघ या फिर बीसीसीआई सरकार को अपने कामकाज का ब्योरा दें। इन खेल महासंघों को लोगों के प्रति जवाबदेह होना होगा। माकन ने कहा, "हम महासंघों को नियंत्रित करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि उनका कामकाज पारदर्शी और स्तरीय हो। हम चाहते हैं कि खेल महासंघ आरटीआई के अंतर्गत आएं और साथ ही उनके अधिकारियों के चयन के लिए उम्र सीमा का पालन हो।"