Monday, July 07, 2025

कहीं RTI पर चुप्पी तो कहीं 40 हजार पन्ने का जवाब, सूचना आयोग ने लगाया ₹50 हजार जुर्माना

Mint: Kerala: Monday, July 7, 2025.
आरटीआई अधिनियम के तहत सूचनाएं मांगने पर हरियाणा में एक व्यक्ति को 40 हजार पन्नों का जवाब मिला, लेकिन सवालों के जवाब नहीं दिए गए। उधर, केरल में एक विभाग को समय पर जवाब न देने के लिए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सूचना का अधिकार अधिनियम (
RTI Act) के तहत सरकारी विभागों या सरकार से वित्त पोषित संस्थाओं से सूचनाएं मांगने का अधिकार हर नागरिक को मिला है। लेकिन विभाग या संस्थाएं सूचना देने से बचने के जतन में ही जुटे रहते हैं। कई बार तो वो सूचना मांगने वाले को सबक सिखाने लगते हैं। हरियाणा में एक ऐसा ही मामला सामने आया। वहीं, केरल में सूचना आयोग ने आरटीआई का जवाब नहीं देने पर सरकारी विभाग पर जुर्माना लगा दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हरियाणा सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने आरटीआई फाइल करने वाले को 40 हजार पन्ने का जवाब भेज दिया और प्रति पेज 2 रुपये के हिसाब से 80 हजार रुपये की मांग कर दी। उधर, केरल में भूमि राजस्व विभाग ने आरटीआई फाइल करने वाले को कोई जवाब ही नहीं दिया जिसके बाद राज्य से सूचना आयुक्त ने विभाग पर जुर्माना लगा दिया।
आरटीआई फाइल की तो मांग लिए 80 हजार रुपये
हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी पंकज अरोड़ा ने 30 जनवरी को पब्लिक हेल्थ एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से आरटीआई के जरिए कुछ सूचनाएं मांगी। इस पर 3 फरवरी को राज्य के सार्वजनिक सूचना अधिकारी सह एग्जिक्युटिव इंजीनियर ने 2 रुपये के हिसाब से 40 हजार पन्नों के जवाब के लिए पंकज से 80 हजार रुपये की मांग कर दी। पंकज ने यह रकम भी जमा करवा दी। लेकिन जब मार्च महीने तक जवाब नहीं मिला तब पंकज ने हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और चीफ इंजीनियर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत की।
40 हजार पन्नों में आरटीआई का जवाब
ऊपर से दबाव बनने पर डिपार्टमेंट ने 5 जून को उन्हें 40 हजार पन्ने का जवाब भेज दिया जिसका वजन 108 किलो, 200 ग्राम है। हैरानी की बात है कि इन पन्नों में पंकज अरोड़ा के सवालों के जवाब नहीं दिए गए हैं। पंकज अरोड़ा ने 15 सवाल पूछे थे। इनमें कॉन्ट्रैक्चुअल पोस्ट के लिए 1 जनवरी, 2023 से 1 जनवरी, 2025 तक विभाग की तरफ से जारी टेंडर, कॉन्ट्रक्टरों को जारी लाइसेंस, परियोजना दर परियोजना की लागत जैसे सवाल शामिल थे। पंकज अरोड़ा अब ठगे महसूस कर रहे हैं। 80 हजार रुपये और 1 क्विंटल कागज पढ़ने में वक्त खर्च करने के बाद भी वो सूचनाएं नहीं मिल पाईं जो उनको चाहिए थीं। अब पंकज अरोड़ा ने हरियाणा प्रदेश सूचना आयुक्त से शिकायत की है।
केरल सूचना आयोग ने लगाया 50 हजार का जुर्माना
उधर, केरल प्रदेश सूचना आयोग ने लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट से कहा है कि वो आरटीआई फाइल करने वाले डगलस ई को 50 हजार रुपये का मुआवजा दे। आयोग ने कहा कि विभाग ने समय पर आरटीआई का जवाब नहीं दिया जिस कारण डगलस को नुकसान उठाना पड़ा। सूचना आयुक्त डॉ. ए अब्दुल हकीम ने भू राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि वो जुर्माने के 50 हजार रुपये की वसूली उन लोगों से करे जो आरटीआई का जवाब नहीं देने के लिए जिम्मेदार हैं।
डगलस ई ने वर्षों पहले कोल्लम ईस्ट के ग्रामीण कार्यालय और तालुक कार्यालय से कोल्लम तालुक में जमीन के म्यूटेशन का पेपर मांगा था। जवाब में अधिकारियों ने कहा कि म्यूटेशन पेपर खो गए हैं, इसलिए उन्हें नहीं दिए जा सकते। इस पर सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में कहा कि अगर कोई अधिकारी अपना दायित्व निभाने से चूकता है तो आरटीआई एक्ट के अंदर न केवल उस अधिकारी बल्कि उससे जुड़े विभाग को जुर्माना भरना होगा।