Thursday, April 03, 2025

“भूतों ने कर दी पेड़ों में पेंटिंग” ना प्रशासन का पता चला, ना ही निगम को, अब पर्यावरणविद के RTI से खुली नींद, जवाब दिया, हमने तो नहीं कराया…

Nwnews24: Raipur: Thursday, April 3, 2025.
छत्तीसगढ़ में “भूत” आजकल पेंड़ों में पेंटिंग कर रहे हैं। चुपके से आते हैं…..फिर पेड़ों पर लाल…हरा पेंट कर गायब हो जाते हैं। ना प्रशासन को पता चलता है और ना निगम को…उन्हें तो मालूम भी तब चलता है
, जब पेड़ों पर पेंटिंग हो चुकी होती है और कुछ पर्यावरणविद RTI के जरिये इसकी जानकारी चाहते हैं। सुनकर आप हैरान जरूर हो रहे होंगे, लेकिन ये हकीकत है। मामला रायगढ़ का है, जहां NGT और राज्य सरकार के फरमान को ठेंगा दिखाकर पेंडों को लाल-हरे रंग के केमिकल पेंट से रंग दिया गया है।
ये कृत्य तब कब किया गया है, पेड़ों में किसी तरह पेंट ना करने का आदेश एक बार नहीं कई बार जारी किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेड़ों पर सौंदर्यीकरण के नाम पर पेंटिंग करने पर सख्त प्रतिबंध के बावजूद, रायगढ़ में कलेक्टर रोड पर कई पेड़ों के तनों को रंगा गया। नगर निगम ने इस कार्य से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनके द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं कराया गया। इस रहस्यमयी पेंटिंग के पीछे किसका हाथ है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है, और अधिकारी भी जांच से बचते नजर आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 2021 में आदेश जारी कर सभी नगर पालिक निगम और स्थानीय निकायों को पेड़ों पर सौंदर्यीकरण के नाम पर पेंटिंग करने से रोक दिया था। इसके बाद, अगस्त 2024 में भी एक बार फिर समस्त विभागों और कलेक्टरों को निर्देश दिए गए थे कि इस प्रकार की पेंटिंग नहीं की जानी चाहिए और यदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो दोषियों पर सख्त कार्यवाही होगी।
लेकिन नवंबर-दिसंबर 2024 में रायगढ़ के कलेक्टर रोड पर स्थित कई पेड़ों पर पेंटिंग देखी गई। यह मामला तब चर्चा में आया जब नगर निगम के कुछ अधिकारियों ने इन पेड़ों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वाहवाही लूटने की कोशिश की। यह सड़क नगर पालिक निगम के अंतर्गत आती है, इसलिए इस मामले में नगर निगम की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
जब इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की गई, तो नगर पालिक निगम रायगढ़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके द्वारा पेड़ों पर पेंट नहीं कराया गया और इस संबंध में कोई कार्यादेश भी जारी नहीं किया गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार पेड़ों पर पेंटिंग किसने करवाई?
अगर नगर निगम का दावा सही है कि उन्होंने इस कार्य के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया, तो इसका मतलब यह हुआ कि रायगढ़ में रहस्यमयी ताकतों यानी ‘भूतों’ ने रातों-रात पेड़ों की पेंटिंग कर दी! यही वजह है कि अब लोग इस मामले को लेकर प्रशासन पर तंज कस रहे हैं।
अधिकारियों की चुप्पी और फाइलों का गायब होना!
इस मामले की जांच और जवाबदेही की मांग की गई थी, लेकिन अधिकारी इस पर कार्यवाही करने से बच रहे हैं। मजे की बात यह है कि शिकायत होने तक इस कार्य का भुगतान नहीं किया गया था, और चर्चा है कि इसलिए संबंधित फाइल ही ‘गायब’ करा दी गई।
जब सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आवेदक ने 2 जनवरी 2025 को इस कार्य से संबंधित दस्तावेजों की मांग की, तो नगर निगम ने जवाब दिया कि उनके पास इस कार्य का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इसके बाद 30 जनवरी 2025 को प्रथम अपील दायर की गई, जिसकी सुनवाई 28 फरवरी 2025 को निर्धारित की गई है।
इस पूरे घटनाक्रम से नगर निगम की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अगर उन्होंने यह कार्य नहीं कराया, तो आखिर किसने किया? और अगर किसी अन्य ने यह किया, तो नगर निगम इसके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा?
रायगढ़ के नागरिक इस मामले में प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज हैं और मांग कर रहे हैं कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। क्या इस रहस्य से पर्दा उठेगा या यह मामला यूं ही दबा दिया जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।