Monday, April 14, 2025

राज्य सूचना आयोग को गुमराह करना अधिकारी को पड़ा भारी, RTI के मामले में हुआ सख्त एक्शन : आशुतोष कुमार पांडेय & अमरेंद्र कुमार

Navbharat Times: Bihar: Monday, 14 April 2025.
बिहार राज्य सूचना आयोग ने एक अधिकारी की लापरवाही पर उसे सजा दी है। आयोग ने अधिकारी पर एक्शन लिया है। आयोग को गुमराह करने पर ये सजा दी गई है। सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगने और सूचना आयोग को गुमराह करने को लेकर ये कार्रवाई की गई है। आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला।
सीतामढ़ी: कोई भी व्यक्ति किसी भी विभाग से कुछ अपवाद को छोड़कर आरटीआई के तहत सूचनाएं मांग सकता है और लोग मांग करते भी है। विभागों से बहुत सारी सूचनाएं मिलती भी नहीं है। प्रावधान के मुताबिक आवेदक प्रथम और द्वितीय अपील में जाते है। सूबे में आरटीआई के तहत अंतिम सुनवाई राज्य सूचना आयोग के स्तर पर होता है। सीतामढ़ी जिला से जुड़े एक मामले में आयोग का फैसला आया है। खास बात यह कि एक अधिकारी ने आयोग को ही गुमराह करने की कोशिश की। इस पर आयोग ने एक्शन लिया है।
सचिव पर आर्थिक दंड
दरअसल, राज्य सूचना आयोग ने आवेदक को सूचना नहीं उपलब्ध कराने के आरोप में 5000 का आर्थिक दंड लगाया है। साथ ही अधिकारी को, आवेदक को सूचना उपलब्ध कराकर सुनवाई की अगली तिथि 13 मई को रिपोर्ट करने को कहा है, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। आयोग ने अधिकारी और पंचायत सचिव को सुनवाई के दिन मौजूद रहने का भी निर्देश दिया है।
सूचना अब तक नहीं मिली
बताया गया है कि सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के भुतही गांव के यदुवंश पंजियार है, जिन्हें पंचायत सचिव और प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी (बीपीआरओ ) के द्वारा दो वर्षों से सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा रही है और उन्हें परेशान किया जा रहा है। पंजियार ने वर्ष 2021-22 में ही पंचायत सचिव अली हैदर जहूर से सूचना मांगी थी। सूचना नहीं मिलने पर आवेदक के द्वारा बीपीआरओ से शिकायत की गई थी। फिर भी उन्हें सूचना नहीं मिल सकी थी। तब पंजियार ने आयोग के यहां अपील की थी।
अधिकारी गंभीर नहीं
गत दिन आयोग ने पंजियार के मामले की सुनवाई की। आवेदक अनुपस्थित थे। हालांकि उन्होंने इसकी पूर्व सूचना आयोग को ई-मेल से दे दी थी। पंचायत सचिव जहूर मौजूद थे। वहीं, बिना सूचना सोनबरसा के बीपीआरओ अनुपस्थित थे, जबकि आयोग ने पूर्व में ही पंचायत सचिव और बीपीआरओ को निर्देश दिया था कि आवेदक को सूचना उपलब्ध कराकर सुनवाई के दौरान मौजूद रहेंगे।
लेकिन खाली हाथ
गत दिन आयोग द्वारा पंजियार के मामले पर सुनवाई की गई। पंचायत सचिव सुनवाई के दौरान मौजूद थे, लेकिन खाली हाथ गए थे। यानी आवेदक को सूचना दे देने से संबंधित कोई साक्ष्य लेकर नहीं पहुंचे थे। तब राज्य सूचना आयुक्त ने टिप्पणी की कि बीपीआरओ और सचिव आरटीआई के प्रति गंभीर नहीं है। कहा कि सचिव और बीपीआरओ गुमराह करने की कोशिश कर रहे है। इसे आयोग ने गंभीरता से लेते हुए दोनों पर पांच हजार का आर्थिक दंड लगाया है।