News18: Mumbai: Wednesday,
13 November 2024.
RTI Act, Bombay High Court:
RTI Act, Bombay High Court:
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी
भर्ती परीक्षा के संबंध में एक बड़ा फैसला सुनाया है. बॉम्बे हाईकोर्ट के मुताबिक, सरकारी भर्ती परीक्षा में हासिल किए गए अंक सार्वजनिक होते
हैं. आरटीआई के जरिए किसी भी कैंडिडेट के मार्क्स पता किए जा सकते हैं. इससे किसी
की गोपनीयता या निजी जानकारी का हनन नहीं होता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में सार्वजनिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी रखने की बात की है. बॉम्बे हाईकोर्ट के मुताबिक, सरकारी भर्ती परीक्षा में हासिल किए गए अंक निजी नहीं होते हैं. अगर कोई कैंडिडेट किसी अन्य कैंडिडेट के मार्क्स जानना चाहता है तो उसकी जानकारी आरटीआई के जरिए ले सकता है. सरकारी भर्ती परीक्षा के अंकों का खुलासा किसी की भी प्राइवेसी को भंग नहीं करता है.
पीठ ने ओंकार कलमनकर की
तरफ से दायर याचिका पर यह आदेश जारी किया है. इसमें पुणे जिला न्यायालय में जूनियर
क्लर्क के पद के लिए 2018 में परीक्षा में शामिल होने
वाले उम्मीदवारों की तरफ से हासिल किए गए अंकों की डिटेल्स मांगी गई थीं. जस्टिस
एमएस सोनक और जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि ऐसी जानकारी को रोकने से संदेह
बनता है. यह पब्लिक अथॉरिटी और सार्वजनिक भर्ती प्रक्रियाओं के काम-काज में
पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ नहीं है.
चयन नहीं होने पर दायर की याचिका:
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कलमनकर ने भी यह परीक्षा दी थी. लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया. अदालत ने संबंधित अधिकारियों को याचिकाकर्ता को लिखित परीक्षा, मराठी और अंग्रेजी टाइपिंग टेस्ट और इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों के अंकों को 6 हफ्ते के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मामला पुणे की जिला अदालत में जूनियर क्लर्क के पद के लिए चयन प्रक्रिया से संबंधित है. इसके लिए सार्वजनिक विज्ञापन के जरिए आवेदन मांगे गए थे.
सरकारी भर्ती प्रक्रिया में जरूरी है पारदर्शिता:
अदालत ने कहा कि सार्वजनिक प्रक्रिया हमेशा पारदर्शी होनी चाहिए. सरकारी भर्ती की चयन प्रक्रिया में उम्मीदवारों के अंकों को सामान्य रूप से पर्सनल डिटेल नहीं माना जा सकता है. इसलिए अंकों के सार्वजनिक होने से किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए. पीठ ने नोट किया कि सूचना के अधिकार अधिनियम यानी आरटीआई के प्रावधानों ने सिर्फ ऐसी पर्सनल डिटेल को निजी रखने की छूट दी है, जिसके बाहर आने से किसी का अहित हो.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में सार्वजनिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी रखने की बात की है. बॉम्बे हाईकोर्ट के मुताबिक, सरकारी भर्ती परीक्षा में हासिल किए गए अंक निजी नहीं होते हैं. अगर कोई कैंडिडेट किसी अन्य कैंडिडेट के मार्क्स जानना चाहता है तो उसकी जानकारी आरटीआई के जरिए ले सकता है. सरकारी भर्ती परीक्षा के अंकों का खुलासा किसी की भी प्राइवेसी को भंग नहीं करता है.
चयन नहीं होने पर दायर की याचिका:
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कलमनकर ने भी यह परीक्षा दी थी. लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया. अदालत ने संबंधित अधिकारियों को याचिकाकर्ता को लिखित परीक्षा, मराठी और अंग्रेजी टाइपिंग टेस्ट और इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों के अंकों को 6 हफ्ते के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मामला पुणे की जिला अदालत में जूनियर क्लर्क के पद के लिए चयन प्रक्रिया से संबंधित है. इसके लिए सार्वजनिक विज्ञापन के जरिए आवेदन मांगे गए थे.
सरकारी भर्ती प्रक्रिया में जरूरी है पारदर्शिता:
अदालत ने कहा कि सार्वजनिक प्रक्रिया हमेशा पारदर्शी होनी चाहिए. सरकारी भर्ती की चयन प्रक्रिया में उम्मीदवारों के अंकों को सामान्य रूप से पर्सनल डिटेल नहीं माना जा सकता है. इसलिए अंकों के सार्वजनिक होने से किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए. पीठ ने नोट किया कि सूचना के अधिकार अधिनियम यानी आरटीआई के प्रावधानों ने सिर्फ ऐसी पर्सनल डिटेल को निजी रखने की छूट दी है, जिसके बाहर आने से किसी का अहित हो.