Thursday, October 31, 2024

'एक व्यक्ति के अहंकार के लिए नहीं काट सकते पेड़', असम में बन रहे सबसे लंबे फ्लाईओवर को लेकर हिमंत बिस्व सरमा पर भड़के लोग

ABP Live: Guwahati: Thursday, October 31, 2024.
लेखक त्रिदिब बोराह ने कहा कि एक आरटीआई आवेदन के जवाब से साफ पता चला है कि सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया है. इसीलिए हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
गुवाहाटी के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और निवासियों ने शहर के मध्य में एक फ्लाईओवर बनाने के लिए सौ साल से अधिक पुराने लगभग 25 पेड़ों को काटने की भाजपा नीत असम सरकार की योजना की मंगलवार को निंदा की.
वे सड़कों पर उतर आए और फ्लाईओवर के निर्माण के लिए दिघालीपुखुरी तालाब के किनारे लगे पेड़ों को काटने के सरकार के फैसले का विरोध किया. इनमें से कुछ पेड़ 200 साल से भी अधिक पुराने हैं.
बाद में, उन्होंने गुवाहाटी हाईकोर्ट में एक याचिका दी और मुख्य न्यायाधीश से मामले का स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया. सरकार 852.68 करोड़ रुपये की लागत से दिघालीपुखुरी से नूनमती तक चार लेन का फ्लाईओवर बना रही है, जो 5.05 किलोमीटर लंबा है. यह शहर का सबसे लंबा फ्लाईओवर है जिसे 2026 तक चालू किया जाना है.
असम से ताल्लुक रखने वाले बॉलीवुड अभिनेता आदिल हुसैन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं इस बात पर विश्वास नहीं कर सकता कि विकास के नाम पर अधिकारियों को सबसे पहले पेड़ों को काटने का ख्याल आता है. नगर नियोजन में कल्पना का दिवालियापन समझ से परे है. कृपया पेड़ों को काटना बंद करें.'
दिघलीपुखुरी के तट पर प्रतिष्ठित लोगों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो साझा करते हुए उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि गुवाहाटी के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक में 150 साल पुराने पेड़ों को कुछ ही मिनटों में काट दिया जाएगा. वरिष्ठ अधिवक्ता अंगशुमान बोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक याचिका दायर की गई है जिसमें सरकार के फैसले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है. विरोध रैली में भाग लेने के बाद उन्होंने कहा, 'पेड़ों को काटने के बारे में कौन सोच सकता है? संभवतः वह व्यक्ति जो राक्षस की आत्मा के साथ पैदा हुआ हो.'
लेखक त्रिदिब बोराह ने कहा, 'एक आरटीआई आवेदन के जवाब से साफ पता चला है कि सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया है. इसीलिए हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. आज रात से हम हर रात पेड़ों की रखवाली करेंगे ताकि उन्हें काटा न जा सके. हम ऐसा हर रात तब तक करेंगे जब तक अदालत फैसला नहीं कर देती.'
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अजय दत्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने पेड़ों को काटने के फैसले को मानव विरोधी बताया और कहा कि विकास लोगों के फायदे के लिए है, उनके नुकसान के लिए नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की ओर इशारा करते हुए कहा, 'ये खूबसूरत पेड़, जिनमें हजारों पक्षी रहते हैं, एक व्यक्ति के अहंकार के कारण नहीं काटे जा सकते. उन्हें लोगों की आवाज सुननी होगी.' हिमंत बिस्व सरमा के पास ही लोक निर्माण विभाग का प्रभार है.