Tuesday, October 08, 2024

RTI में मांगी निजी और गोपनीय जानकारियां:प्राचार्य ने पत्र जारी कर कहा- 50-50 रुपए के स्टांप पर शपथपत्र लेकर आएं शिक्षक

Dainik Bhaskar: Rajgarh: Tuesday, 8 October 2024.
सूचना के अधिकार अधिनियम के दुरूपयोग का मामला पचोर क्षेत्र के स्कूलों में सामने आया है। यहां एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने शिक्षकों की निजी और गोपनीय जानकारियां ही मांग ली। शिक्षकों ने नियमों का हवाला देकर असहमति जताई तो जिला शिक्षाधिकारी के दबाव में अब संकुल प्राचार्य ने स्टांप पर शपथ पत्र लिखकर नोटरी करवाकर मांगा है।
दरअसल, एक आरटीआई एक्टिविस्ट एक साल से अधिक समय से लगातार जिले के शासकीय शिक्षकों की गोपनीय जानकारियां मांग रहा है और प्राचार्य भी बिना नियम देखे उन्हें भेज रहे हैं।
पचोर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संकुल से भी 68 शिक्षकों की निजी जानकारियां जैसे समग्र-आईडी, अंकसूची, जीवित संतान, और जीवित सन्तानों की अंकसूची सूचना के अधिकार में मांगी गई। शिक्षकों ने आरटीआई के नियम 8(i)(j) और धारा 11 और निजता का हवाला देकर थर्ड पार्टी इनफार्मेशन होने से जानकारी देने को मना कर दिया। वहीं दी जाने योग्य जानकारी दे भी दी।
लेकिन अब निजी दस्तावेजों को लोकहित के लिए आवश्यक बताकर आरटीआई एक्टिविस्ट ने जिला शिक्षधिकारी से मांग ली। DEO के पत्र के बाद शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचार्य ने दबाव में आकर सभी शिक्षकों से 50-50 रुपए के स्टांप पर शपथपत्र पर संतान की जानकारी मांगी है। जबकि जिले में इस तरह निजी दस्तावेजों से पहले भी फ्रॉड हो चुके हैं।
मामले में शिक्षकों का कहना है कि कई शिक्षकों के बच्चे जिनमें खासकर लड़कियां डॉक्टर, नर्स और पढ़ाई कर रहीं हैं। उनकी निजी गोपनीय जानकारी, समग्र आईडी से किस तरह का लोकहित होगा। जबकि आरटीआई के नियमों के तहत जानकारी सर्जित कर नहीं दी जा सकती। इसलिए धारा 11 के तहत हमने असहमति जताई है।
मामले में प्राचार्य मंजू गुप्ता का कहना है कि जिला शिक्षाधिकारी ने पत्र भेजा है। इस विषय में जिला शिक्षाधिकारी करणसिंह वर्मा को कई बार फोन लगाए गए लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
जबकि कलेक्टर गिरीशकुमार शर्मा का कहना है कि निजी जानकारी थर्ड पार्टी इनफार्मेशन में आती है। जिन्हें संबंधित कर्मचारी की असहमति के बाद नहीं दिया जा सकता। कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच करवाने का कहा है।