Patrika: Unnao: Sunday, 23 June 2024.
एआरटीओ में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा आरटीआई में दिए गए जवाब से हुआ है। विभाग से मिले दो सवालों के जवाब बताते हैं कि बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती जा रही हैं। जो जांच का विषय है। वाहन स्वामी ने जन सूचना अधिकारी के अन्तर्गत जवाब मांगा है।
उप संभागीय परिवहन कार्यालय में फर्जी बीमा के आधार पर गाड़ी का बीमा कर दिया गया। इसका खुलासा वाहन स्वामी द्वारा मांगे गए आरटीआई में हुआ है। उप संभागीय परिवहन कार्यालय ने अपने जवाब में नई चेचिस नंबर, इंजन नंबर सेल लेटर सेल इनवॉइस आदि के विषय में भी जानकारी दी है। जवाब में बताया गया है कि गाड़ी का पंजीयन एआरटीओ कार्यालय में कमर्शियल वाहन के रूप में किया गया है। जिसकी रसीद भी कटी है और अन्य दस्तावेज भी पूरे किए गए हैं। दूसरे पॉइंट पर दिए जवाब में फर्जी बीमा के विषय में जानकारी दी गई है। जिसमें डीलर पर दोषारोपण किया गया है कि उसने कूट रचित व फर्जी बीमा जानबूझकर दिया है। लेकिन सवाल उठता है कि फर्जी बीमा के आधार पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी ने रजिस्ट्रेशन कैसे कर दिया है? क्या उन्होंने बीमा चेक नहीं किया था? फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।
जन सूचना अधिकारी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने आरटीआई का जवाब दिया है। जिसे अवधेश कुमार पुत्र स्वर्गीय राम अवतार निवासी चकलवंशी पोस्ट अटवा थाना माखी पूछा था। आरटीआई में दिए गए जवाब में बताया गया है कि मेसर्स श्री तिरुपति ऑटो आवास विकास उन्नाव ने नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक कागज विभाग में जमा कराया था। जिसमें चेचिस नंबर, इंजन नंबर, सेल लेटर, सेल इनवॉइस आदि विक्रय प्रपत्रों और अन्य कागज शामिल है।
आरटीआई में दिए गए जवाब से हुआ खुलासा
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जन सूचना अधिकारी ने बताया कि 20 मार्च 2020 को वाहन का पंजीयन करने के लिए डीलर ने सभी प्रपत्र सत्यापित कर जमा कराए। जिसमें बीमा भी संलग्न था। ऑनलाइन चेक करने पर बीमा पॉलिसी अन्य दीपावली श्रीवास्तव के नाम दिखाई पड़ रहा था। जबकि गाड़ी अवधेश कुमार के नाम रजिस्टर्ड होना था।
सोची समझी साजिश
आरटीआई में जन सूचना अधिकारी ने जवाब दिया कि इससे यह बात स्पष्ट होता है कि डीलर ने कूट रचित और फर्जी बीमा प्रमाण पत्र सत्यापित कर विभाग में जमा कराया है। जो नियम विरुद्ध है और जानबूझकर यह किया गया है। सवाल यह उठता है कि रजिस्ट्रेशन के समय संबंधित क्लर्क ने बीमा चेक नहीं किया था या फिर डीलर की साजिश में वह भी शामिल है?
निलंबन के दो दिन बाद
जारी किया गया आदेश
इसके साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 में निहित व्यापार प्रमाण पत्र के नियमों के विरुद्ध किए गए कार्य के कारण ट्रेड प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया था। एआरटीओ कानपुर नगर ने डीलर मेसर्स श्री तिरुपति ऑटो द-माल कानपुर के व्यापार प्रमाण पत्र को 30 नवंबर 2023 से 2 दिसंबर 2023 तक के लिए निलंबित कर दिया था। गौर करने वाली बात यह है कि यह आदेश निलंबन के दूसरे दिन 1 दिसंबर 2023 को जारी किया गया था। जो अपने आप में सवाल खड़ा करता है विभाग और डीलर के बीच गलबहियां को भी दर्शाता है।
एआरटीओ में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा आरटीआई में दिए गए जवाब से हुआ है। विभाग से मिले दो सवालों के जवाब बताते हैं कि बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती जा रही हैं। जो जांच का विषय है। वाहन स्वामी ने जन सूचना अधिकारी के अन्तर्गत जवाब मांगा है।
उप संभागीय परिवहन कार्यालय में फर्जी बीमा के आधार पर गाड़ी का बीमा कर दिया गया। इसका खुलासा वाहन स्वामी द्वारा मांगे गए आरटीआई में हुआ है। उप संभागीय परिवहन कार्यालय ने अपने जवाब में नई चेचिस नंबर, इंजन नंबर सेल लेटर सेल इनवॉइस आदि के विषय में भी जानकारी दी है। जवाब में बताया गया है कि गाड़ी का पंजीयन एआरटीओ कार्यालय में कमर्शियल वाहन के रूप में किया गया है। जिसकी रसीद भी कटी है और अन्य दस्तावेज भी पूरे किए गए हैं। दूसरे पॉइंट पर दिए जवाब में फर्जी बीमा के विषय में जानकारी दी गई है। जिसमें डीलर पर दोषारोपण किया गया है कि उसने कूट रचित व फर्जी बीमा जानबूझकर दिया है। लेकिन सवाल उठता है कि फर्जी बीमा के आधार पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी ने रजिस्ट्रेशन कैसे कर दिया है? क्या उन्होंने बीमा चेक नहीं किया था? फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।
जन सूचना अधिकारी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने आरटीआई का जवाब दिया है। जिसे अवधेश कुमार पुत्र स्वर्गीय राम अवतार निवासी चकलवंशी पोस्ट अटवा थाना माखी पूछा था। आरटीआई में दिए गए जवाब में बताया गया है कि मेसर्स श्री तिरुपति ऑटो आवास विकास उन्नाव ने नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक कागज विभाग में जमा कराया था। जिसमें चेचिस नंबर, इंजन नंबर, सेल लेटर, सेल इनवॉइस आदि विक्रय प्रपत्रों और अन्य कागज शामिल है।
आरटीआई में दिए गए जवाब से हुआ खुलासा
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जन सूचना अधिकारी ने बताया कि 20 मार्च 2020 को वाहन का पंजीयन करने के लिए डीलर ने सभी प्रपत्र सत्यापित कर जमा कराए। जिसमें बीमा भी संलग्न था। ऑनलाइन चेक करने पर बीमा पॉलिसी अन्य दीपावली श्रीवास्तव के नाम दिखाई पड़ रहा था। जबकि गाड़ी अवधेश कुमार के नाम रजिस्टर्ड होना था।
सोची समझी साजिश
आरटीआई में जन सूचना अधिकारी ने जवाब दिया कि इससे यह बात स्पष्ट होता है कि डीलर ने कूट रचित और फर्जी बीमा प्रमाण पत्र सत्यापित कर विभाग में जमा कराया है। जो नियम विरुद्ध है और जानबूझकर यह किया गया है। सवाल यह उठता है कि रजिस्ट्रेशन के समय संबंधित क्लर्क ने बीमा चेक नहीं किया था या फिर डीलर की साजिश में वह भी शामिल है?
इसके साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 में निहित व्यापार प्रमाण पत्र के नियमों के विरुद्ध किए गए कार्य के कारण ट्रेड प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया था। एआरटीओ कानपुर नगर ने डीलर मेसर्स श्री तिरुपति ऑटो द-माल कानपुर के व्यापार प्रमाण पत्र को 30 नवंबर 2023 से 2 दिसंबर 2023 तक के लिए निलंबित कर दिया था। गौर करने वाली बात यह है कि यह आदेश निलंबन के दूसरे दिन 1 दिसंबर 2023 को जारी किया गया था। जो अपने आप में सवाल खड़ा करता है विभाग और डीलर के बीच गलबहियां को भी दर्शाता है।