Sunday, April 28, 2024

RTI के तहत कोई अधिकारी सिर्फ इसलिए सूचना देने से मना नहीं कर सकता कि मांगी गई जानकारी बहुत बड़ी है: हाईकोर्ट

Bharat Express: New Delhi: Sunday, 28 April 2024.

आरटीआई से जानकारी मांगने वाले ने संबंधित अधिकारी के फैसले को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में चुनौती दी थी, जिसे उसने स्वीकार कर लिया और संस्थान से आवेदक की ओर से मांगी गई जानकारी देने का निर्देश दिया।

एक मामले की सुनवाई के दौरान आज हाईकोर्ट ने कहा कि कोई अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई अधिनियम) के तहत इस आधार पर सूचना देने से इनकार नहीं कर सकता कि मांगी गई जानकारी बहुत बड़ी है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि यदि अदालत इस तर्क को स्वीकार कर लेता है तो यह छूट के दायरे में आने वाला एक और छूट हो जाएगा। आवेदक की ओर से मांगी गई जानकारी अधिनियम की धारा 8 में निहित किसी भी छूट के दायरे में नहीं आती है।

प्रतिवादी भारतीय विदेश व्यापार संस्थान आरटीआई ने जानकारी न देने का केवल यही कारण बताया है कि जानकारी बहुत बड़ी है। उसके लिए मांगी गई जानकारी देना संभव नहीं है। जानकारी मांगने वाले ने उसे केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में चुनौती दी थी जिसे उसने स्वीकार कर लिया और संस्थान से आवेदक की ओर से मांगी गई जानकारी देने का निर्देश दिया था। संस्थान ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसे खारिज कर दिया गया।

गौरतलब हो कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 25 दिसंबर, 2015 और 25 जनवरी, 2016 को दो आदेश पारित किए थे। पहले आदेश में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने संस्थान को आवेदनकर्ता को अभिलेखों का निरीक्षण करने की अनुमति देने का आदेश दिया था। फिर उसने जनवरी 2016 में संस्थान से उसके उठाए गए सभी 27 बिंदुओं पर स्पष्ट जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया था। अब इस संबंध में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने टिप्पणी की है कि कोई अधिकारी RTI के तहत इसलिए ही सूचना देने से मना नहीं कर सकता कि मांगी गई जानकारी बहुत बड़ी है.

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