Monday, April 01, 2024

खाली हुआ सूचना भवन: RTI में अब नहीं मिले जानकारी तो भूल जाएं जिम्मेदारों पर कार्रवाई!

Bansal News: Bhopal: Monday, 01 April 2024.
सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अब यदि कोई विभाग आपको जानकारी नहीं देता है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई आप भूल ही जाइये।
राज्य सूचना आयोग यानी सूचना भवन खाली हो चुका है और द्वितीय अपील के रूप में यदि आप राज्य सूचना आयोग को आवेदन करते हैं तो यहां सुनवाई करने के लिए अब कोई है ही नहीं।
राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में एक मुख्य सूचना आयुक्त सहित 10 सूचना आयुक्त के पद हैं। अंतिम बार मार्च 2019 में यहां सूचना आयुक्त की नियुक्ति हुई थी।
उस समय तीन सूचना आयुक्त की नियुक्ति हुई थी। इनमें सूचना आयुक्त राहुल सिंह भी शामिल थे, जिनका 30 मार्च को कार्यकाल खत्म हुआ है। वहीं मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है।
द्वितीय अपील की सुनवाई की नहीं मिलेगी तारीख
आम आदमी के लिए सूचना मांगने का सबसे मजबूत हथियार RTI की धार अब मध्य प्रदेश में कमजोर हो गई है। विभाग वैसे ही जानकारी देने से बचते हैं और उन पर लगाम लगाने वाला आयोग बिना आयुक्तों के खाली हो चुका है।
अब आवेदक यदि द्वितीय अपील करता है तो आवेदन तो सूचना आयोग (MP State Information Commission) पहुंचेगा, लेकिन सुनवाई के लिए कोइर्ह तारीख ही नहीं मिल पाएगी।
विधानसभा चुनाव से पहले खानापूर्ति का प्रयास
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले 9 अक्टूबर 2023 को सुबह 9 बजे सूचना आयुक्त की नियुक्ति (Appointment of State Information Commissioner) को लेकर बैठक बुलाई गई।
आनन फानन में बुलाई गई इस बैठक पर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सवाल उठाए। उन्होंने बैठक में जाने से मना तो किया ही साथ ही कोर्ट जाने की धमकी तक दे डाली।
जिसके बाद बैठक को निरस्त कर दिया गया और उसके बाद बैठक बुलाई ही नहीं गई।
नई नियुक्ति भी विवादों में
5 मार्च को जीएडी ने राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति (Appointment of State Information Commissioner) के संबंध में एक आदेश जारी किया। 26 मार्च तक आवेदन भी बलाए। पर अब ये नियुक्ति भी विवादों में आ गई है।
दरअसल प्रक्रिया सिर्फ राज्य सूचना आयुक्त के लिए शुरु की गई। जबकि मुख्य सूचना आयुक्त का पद भी खाली है। ऐसे में इस प्रक्रिया विवादों में खड़ी हो गई है।
जानकारों ने बिना मुख्य सूचना आयुक्त के राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर सवाल खड़े किये हैं।
10 हजार शिकायतें पेंडिंग
जानकारी के अनुसार राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में करीब 10 हजार शिकायतें पेंडिंग है।
इन शिकायतों के निराकरण के लिए अब कोई उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अब सूचना आयोग में शिकायतों की पेंडेंसी तेजी से बढ़ेगी।
साढ़े 19 साल में पहली बार बनी ये स्थिति
सूचना के अधिकार अधिनियम (Action Under RTI Act) के तहत मध्य प्रदेश में राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) का गठन राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक एफ-11-11/05/1/9 दिनांक 22 अगस्त, 2005 द्वारा किया गया।
साढ़े 19 साल में पहली बार ये स्थिति बनी है जब आयोग पूरी तरह से खाली हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना
पूर्व सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया कि सूचना आयोग में आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि वर्तमान आयुक्त के कार्यकाल खत्म होने से पहले ही नए आयुक्तों की नियुक्ति हो जाए।
ताकि कामकाज प्रभावित न हो। ऐसा नहीं हुआ है तो ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना भी है।
इस तरह खराब होती गई स्थिति
मार्च 2019 में एक मुख्य सूचना आयुक्त समेत 9 सूचना आयुक्त हो गए थे। यही कारण है कि इसके बाद राज्य सूचना आयोग (MP State Information Commission) में पेंडिंग शिकायतों की संख्या 15 हजार से घटकर 6 हजार तक आ गई थी।
हालांकि उसके बाद जिस सूचना आयुक्त का कार्यकाल खत्म हुआ, उसके बाद उनकी जगह पर कोई नियुक्ति ही नहीं हुई।