जागरण: जम्मू-कश्मीर: Friday, 16 September 2022.
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में सूचना अधिकार पर राष्ट्रीय सम्मेलन वीरवार को शुरू हो गई। सम्मेलन में देश में सूचना अधिकारी को और सशक्त बनाकर पारदर्शिता लाने पर आत्ममंथन हाेगा। लेह में मुख्य सूचना अधिकारी वाइके सिन्हा की मौजूदगी में उपराज्यपाल आरके माथुर ने राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस मौके पर स्टेडिंग कांफ्रेंस आफ पब्लिक एंट्रपाइज के कई प्रतिनिधियों के साथ देश के विभिन्न हिस्सा से आए गई आरटीआई कार्यकर्ता भी मौजूद थे। सम्मेलन में देश के राज्यों के साथ लद्दाख में सूचना अधिकार से आ रहे बदलाव पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
सम्मेलन में आरटीआइ कानून से देश के नागरिकों पर पड़ रहे प्रभाव के साथ उन्हें इसके इस्तेमाल में आ रही मुश्किलों पर भी चर्चा होगी। इस दाैरान कई सरकारी विभागों द्वारा मांगी कई सूचना न दिए जाने के मुद्दों पर भी इस सम्मेलन में विचार होगा। इस दौरान सूचना आयुक्तों के कामकाज पर चर्चा के साथ यह आत्ममंथन भी किया जाएगा कि सूचना अधिकार को और प्रभावी बनाने की दिश में क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसके साथ सूचना अधिकार के बारे में लोगों काे जागरुक बनाने की दिशा में देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही कार्रवाई पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सूचना अधिकारी को और सशक्त बनाकर पारदर्शिता लाने की दिशा में काम हो रहा है। वर्ष 2020 में केंद्रीय सूचना आयोग ने जम्मू कश्मीर व लद्दाख संबंधी आरटीआइ पर सुनवाई शुरू कर दी है। अब इन प्रदेशों के निवासी घर बैठे हुए किसी भी विभाग से आरटीआइ की मदद से सूचना हासिल कर सकते हैं। इसके साथ देश का कोई भी नागरिक अब इन प्रदेशों को लेकर कोई भी सूचना हासिल कर सकता है। पहले केवल इन प्रदेशों के निवासी ही आरटीआइ डाल कर सूचना हासिल करने का अधिकार रखते थे।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में सूचना अधिकार पर राष्ट्रीय सम्मेलन वीरवार को शुरू हो गई। सम्मेलन में देश में सूचना अधिकारी को और सशक्त बनाकर पारदर्शिता लाने पर आत्ममंथन हाेगा। लेह में मुख्य सूचना अधिकारी वाइके सिन्हा की मौजूदगी में उपराज्यपाल आरके माथुर ने राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस मौके पर स्टेडिंग कांफ्रेंस आफ पब्लिक एंट्रपाइज के कई प्रतिनिधियों के साथ देश के विभिन्न हिस्सा से आए गई आरटीआई कार्यकर्ता भी मौजूद थे। सम्मेलन में देश के राज्यों के साथ लद्दाख में सूचना अधिकार से आ रहे बदलाव पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
सम्मेलन में आरटीआइ कानून से देश के नागरिकों पर पड़ रहे प्रभाव के साथ उन्हें इसके इस्तेमाल में आ रही मुश्किलों पर भी चर्चा होगी। इस दाैरान कई सरकारी विभागों द्वारा मांगी कई सूचना न दिए जाने के मुद्दों पर भी इस सम्मेलन में विचार होगा। इस दौरान सूचना आयुक्तों के कामकाज पर चर्चा के साथ यह आत्ममंथन भी किया जाएगा कि सूचना अधिकार को और प्रभावी बनाने की दिश में क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसके साथ सूचना अधिकार के बारे में लोगों काे जागरुक बनाने की दिशा में देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही कार्रवाई पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सूचना अधिकारी को और सशक्त बनाकर पारदर्शिता लाने की दिशा में काम हो रहा है। वर्ष 2020 में केंद्रीय सूचना आयोग ने जम्मू कश्मीर व लद्दाख संबंधी आरटीआइ पर सुनवाई शुरू कर दी है। अब इन प्रदेशों के निवासी घर बैठे हुए किसी भी विभाग से आरटीआइ की मदद से सूचना हासिल कर सकते हैं। इसके साथ देश का कोई भी नागरिक अब इन प्रदेशों को लेकर कोई भी सूचना हासिल कर सकता है। पहले केवल इन प्रदेशों के निवासी ही आरटीआइ डाल कर सूचना हासिल करने का अधिकार रखते थे।