दैनिक जागरण: पंचकूला: Monday,
10 May 2021.
हरियाणा में सूचना का अधिकार (Right To Information RTI) कानून के तहत अगर आपको कोई भी जानकारी चाहिए तो अर्जी के साथ में पहचान का सुबूत यानी आइडी प्रूफ देना होगा। इसके लिए हरियाणा सरकार ने आरटीआइ नियमों में संशोधन किया है।
मुख्य सचिव के अधीन कार्यरत प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक आरटीआइ के तहत सूचना लेने के लिए आवेदन में आवेदक के पते के साथ आइडी प्रूफ के रूप में आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) या सरकारी अथारिटी द्वारा जारी पहचान पत्र में से कोई एक जरूर होना चाहिए।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि आरटीआइ कानून, 2005 की धारा 6 (2) में स्पष्ट उल्लेख है कि आवेदक से संपर्क करने के लिए जरूरी जानकारी के अलावा उससे अन्य कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। हालांकि नवंबर, 2012 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के तत्कालीन जज राजेश बिंदल ने आदेश दिया था कि आवेदनकर्ता को आरटीआइ के साथ अपना पहचान पत्र लगाना होगा। प्रदेश सरकार ने अब साढ़े आठ साल बाद यह आदेश लागू कर दिया है।
हरियाणा में सूचना का अधिकार (Right To Information RTI) कानून के तहत अगर आपको कोई भी जानकारी चाहिए तो अर्जी के साथ में पहचान का सुबूत यानी आइडी प्रूफ देना होगा। इसके लिए हरियाणा सरकार ने आरटीआइ नियमों में संशोधन किया है।
मुख्य सचिव के अधीन कार्यरत प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक आरटीआइ के तहत सूचना लेने के लिए आवेदन में आवेदक के पते के साथ आइडी प्रूफ के रूप में आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) या सरकारी अथारिटी द्वारा जारी पहचान पत्र में से कोई एक जरूर होना चाहिए।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि आरटीआइ कानून, 2005 की धारा 6 (2) में स्पष्ट उल्लेख है कि आवेदक से संपर्क करने के लिए जरूरी जानकारी के अलावा उससे अन्य कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। हालांकि नवंबर, 2012 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के तत्कालीन जज राजेश बिंदल ने आदेश दिया था कि आवेदनकर्ता को आरटीआइ के साथ अपना पहचान पत्र लगाना होगा। प्रदेश सरकार ने अब साढ़े आठ साल बाद यह आदेश लागू कर दिया है।