Sunday, December 06, 2020

आरटीआइ कानून में अब सरकारी विभागों के कामकाज पर ऑनलाइन रखी जा सकेगी नजर

दैनिक जागरण: हरियाणाहिसार: Sunday, 06 December 2020.
अब लोग कहीं से भी हरियाणा के 180 से अधिक सरकारी विभागों के कामकाज से जुड़े दस्तावेजों की सूचना ऑनलाइन ले सकते हैं। इसके लिए सूचना आयोग में चली लंबी लड़ाई के बाद 10 नवंबर को फैसला आया है। हरियाणा के मुख्य सूचना आयुक्त की कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को तत्काल सूचना के अधिकार कानून 2005 में मौजूद धारा चार के सभी प्राविधानों को लागू कराने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही यह निर्देश भी दिए हैं कि वर्ष में दो बार जनवरी व जुलाई माह में ऑडिट भी किया जाए कि यह काम हो भी रहा है या नहीं। विभागों ने यह लागू किया है या नहीं इसकी रिपोर्ट सूचना आयोग को दी जाएगी। इसके साथ ही आप अपने आवेदन का स्टेटस भी जान सकेंगे। खास बात यह है कि हरियाणा ही नहीं बल्कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सूचना के अधिकार कानून 2005 में मौजूद धारा चार का यह प्राविधान अभी तक लागू नहीं हो सका है। यह थी धारा चार से जुड़ी समस्या.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हिमांशू राज बताते हैं कि सूचना पाने का अधिकार देश के प्रत्येक नागरिक को है, मगर दूसरे राज्य में बैठा व्यक्ति सूचना के अधिकार का कैसे प्रयोग करेगा इसके लिए आरटीआइ कानून में धारा चार को जोड़ा गया था। धारा चार में प्राविधान था कि सरकारी विभागों को अपने दस्तावेजों को ऑनलाइन करना होगा, ताकि लोग कहीं से भी इन्हें देख सकें। मगर देश के कई राज्यों में आरटीआई कानून की यह धारा लागू नहीं हुई। ऐसे में हरियाणा में उन्होंने 180 से अधिक विभागों में आरटीआइ दायर कर आधिकारिक रूप से जानकारी ली कि कोई विभाग इस धारा का अनुसरण कर रहा है या नहीं। हैरानी की बात है कि कोई भी विभाग इसका पालन नहीं कर रहा था।
शिकायतों के साथ गए सूचना आयोग
विभागों से जवाब आने के बाद उन्होंने इस मसले को राज्य सूचना आयोग में जनहित याचिका के रूप में दायर किया। सुनवाई चलती रही, धीमे-धीमे यह प्रकरण मुख्य चुनाव आयुक्त की कोर्ट तक पहुंच गया। इस पर सुनवाई करते हुए 10 नवंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त ने चीफ सेक्रेटरी हरियाणा को तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश दिए हैं। अब आगे क्या
अधिवक्ता हिमांशू राज बताते हैं कि आरटीआइ केंद्रीय कानून है, ऐसे में इस प्राविधान को पूरे देश में लागू कराने की तैयारी कर रहे हैं। ताकि कहीं से भी किसी भी विभाग के काम काज को लोग देख सकें। जिस प्रकार से हरियाणा में मामले को दायर किया, इसी प्रकार से दूसरे राज्यों में भी केस दायर करेंगे।