Zee News: Gwalior: Wednesday,
02 December 2020.
आरटीआई के जवाब से इसका खुलासा हुआ है. आरटीआई में ग्वालियर नगर निगम के भ्रष्ट आधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जिनकी जांच लोकायुक्त और ईओडब्लू में चल रही है।
नगर निगम में भ्रष्टाचार के कई मामले आए दिन सुनने को मिल जाते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश का ग्वालियर नगर निगम इस मामले में थोड़ा ज्यादा ही आगे निकल गया है. हालात ये है कि ग्वालियर नगर निगम के 60 फीसदी अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त और EOW (Economic Offence Wing) की जांच चल रही है. इनमें से 42 से ज्यादा अफसर ऐसे हैं, जो निगम में बड़े पदों पर नियुक्त हैं. गौरतलब है कि निगम कमिश्नर और मेयर के खिलाफ भी जांच चल रही है.
आरटीआई से हुआ खुलासा
हाल ही में एक आरटीआई के जवाब से इसका खुलासा हुआ है. आरटीआई में ग्वालियर नगर निगम के भ्रष्ट आधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जिनकी जांच लोकायुक्त और ईओडब्लू में चल रही है।
खास बात ये है कि ग्वालियर के नगर निगम आयुक्तों से लेकर संपत्तिकर संग्राहक तक के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत हुई है. हैरत की बात तो यह है कि इन लोगों की शिकायत बीते कई सालों से लोकायुक्त पुलिस के पास है, लेकिन नगर निगम अधिकांश मामलों में लोकायुक्त को जानकारी ही नहीं भेज रहा है.
इन अधिकारियों के खिलाफ मिली है शिकायत
ग्वालियर नगर निगम के इन अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त या ईओडब्लू में जांच चल रही है.
आरटीआई के जवाब से इसका खुलासा हुआ है. आरटीआई में ग्वालियर नगर निगम के भ्रष्ट आधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जिनकी जांच लोकायुक्त और ईओडब्लू में चल रही है।
नगर निगम में भ्रष्टाचार के कई मामले आए दिन सुनने को मिल जाते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश का ग्वालियर नगर निगम इस मामले में थोड़ा ज्यादा ही आगे निकल गया है. हालात ये है कि ग्वालियर नगर निगम के 60 फीसदी अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त और EOW (Economic Offence Wing) की जांच चल रही है. इनमें से 42 से ज्यादा अफसर ऐसे हैं, जो निगम में बड़े पदों पर नियुक्त हैं. गौरतलब है कि निगम कमिश्नर और मेयर के खिलाफ भी जांच चल रही है.
आरटीआई से हुआ खुलासा
हाल ही में एक आरटीआई के जवाब से इसका खुलासा हुआ है. आरटीआई में ग्वालियर नगर निगम के भ्रष्ट आधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जिनकी जांच लोकायुक्त और ईओडब्लू में चल रही है।
खास बात ये है कि ग्वालियर के नगर निगम आयुक्तों से लेकर संपत्तिकर संग्राहक तक के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत हुई है. हैरत की बात तो यह है कि इन लोगों की शिकायत बीते कई सालों से लोकायुक्त पुलिस के पास है, लेकिन नगर निगम अधिकांश मामलों में लोकायुक्त को जानकारी ही नहीं भेज रहा है.
इन अधिकारियों के खिलाफ मिली है शिकायत
ग्वालियर नगर निगम के इन अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त या ईओडब्लू में जांच चल रही है.
- महापौर समीक्षा गुप्ता- आर्थिक
सहायता के प्रकरणों में अनियमितताएं करना।
- विनोद शर्मा- तत्कालीन आयुक्त
अपचारी सेवक- शशिकांत शुक्ला को नियम विरुद्ध आर्थिक लाभ पहुंचाया।
- राजेंद्र उपाध्याय- भवन
निर्माण में अनियमितताएं
- मुकेश बंसल- पार्क अधीक्षक
पार्क विभाग में हुई अनियमितताएं
- प्रदीप वर्मा- उपयंत्री भवन
निर्माण अनुमति में अनियमितताएं
- देवेन्द्र सिंह चौहान-
उपायुक्त नामाकंन प्रकरणों में अनियमितताएं
- माधव सिंह पवैया- कार्यपालन
यंत्री लोकायुक्त को जानकारी भेजी जा चुकी है।
- प्रदीप श्रीवास्तव- नोडल
अधिकारी कंप्यूटाइज्ड शाखा में अनियमितताएं
- विनोद शर्मा- तात्कालीन
कार्यालय अधीक्षक जानकारी भेजी जा चुकी है।
- ओवेश सिद्दकी- खेल अधिकारी खेल
विभाग में अनियमत्तिाएं
- आयुक्त नगर निगम- निगम
प्रशासनिक भवन में अनियमितताएं
- पार्क विभाग में अनियमितताएं
इस मामले में अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव,
अपर आयुक्त देवेंद्र
सिंह चौहान, के खिलाफ शासन स्तर पर जांच चल
रही है।
- आरएलएस मौर्य- सीवर ट्रीटमेंट
प्लांट में अनियमितताएं
- राजेश परिहार, सत्येंद्र यादव,
प्रेमकुमार पचौरी, प्रदीप चतुर्वेदी,
की विभागीय कार्यवाही के
लिए प्रशासक को प्रतिवेदन दिया गया है।
- योगेश श्रीवास्तव- संपत्तिकर
वसूली में प्रकरण अनियमितताएं
- शिशिर श्रीवास्तव- जनकार्य में
अनियमितताएं
- दिनेश अग्रवाल, प्रेम पचौरी, केशवसिंह चौहान सड़क निर्माण में अनियमत्तिाएं