Patrika:
Durg: Saturday, 12 December 2015.
सूचना
का अधिकार के तहत जानकारी देने में लापरवाही नगर निगम के आयुक्त व ईई दोनों को
भारी पड़ गया। इस मामले में अब आयुक्त को जानकारी मांगने वाले जिला पंचायत सदस्य
को 500 रुपए हर्जाना देना होगा।
राज्य
सूचना आयोग ने अपील पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। ईई पर समय पर जानकारी नहीं
देने के लिए 250 रुपए प्रति दिन के हिसाब से
जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गई है। संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को
अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए अनुशंसा भेजने का भी निर्देश दिया गया है।
क्या
है मामला:
जिला
पंचायत सदस्य जयंत देशमुख ने 15 अक्टूबर 2014 को नगर निगम में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत
आवेदन जमा कर मांगलिक भवनों की 10 कंडिकाओं में जानकारी मांगी
थी। निगम प्रशासन ने केवल 3 बिंदुओं की आधी अधूरी जानकारी
दी। शेष 7 कंडिकाओं की जानकारी विभाग के
पास नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया।
इस
पर जयंत ने प्रथम अपील अधिकारी आयुक्त के समक्ष अपील किया। अपीलीय अधिकारी ने तात्कालीन
भवन अधिकारी व मौजूदा ईई राजेश पांडेय को 7 दिन के भीतर नि:शुल्क जानकारी
देने का आदेश दिया। इसके बाद भी जानकारी नहीं दी गई। इस पर जयंत ने राज्य सूचना
आयोग में अपील किया।
30 दिन के भीतर देना होगा
हर्जाना:
राज्य
सूचना आयुक्त एके सिंह ने अपील पर सुनवाई के बाद जानकारी नहीं दिए जाने पर आयुक्त
नगर निगम को अधिनियम के प्रावधान के तहत 500 रुपए हर्जाना देने का आदेश
दिया है। हर्जाना 30 दिन के अंदर देना होगा।
आयोग
ने तात्कालिन भवन अधिकारी व मौजूदा ईई से निर्देश के बाद भी जानकारी नहीं दिए जाने
के संबंध में दस्तावेज के साथ जानकारी भी तलब किया है। जानकारी नहीं देने के मामले
में हर दिन 250 रुपए के हिसाब से जुर्माना
लगाने की भी चेतावनी दी है। ईई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी निर्देश दिया
गया है।