Thursday, March 05, 2015

आरटीआई : पोस्टल ऑर्डर की बजाय मांगी नकद राशि

Patrika: Jodhapur: Thursday, 05 March 2015.
सूचना का अधिकार अधिनियम की व्याख्या अब अधिकारी अपनी मनमर्जी से करने लगे हैं। आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले ने सूचना के लिए चालीस रूपए के पोस्टल ऑर्डर जमा कराए, मगर अधिकारी ने उसे यह कहते हुए पोस्टल ऑर्डर लौटा दिए कि रूपए नकद ही जमा कराएं। साथ ही इस संबंध में पूछने पर अधिकारी ने अनभिज्ञता जाहिर की, जबकि पत्र पर उन्हीं के हस्ताक्षर हैं।
मामला कार्यालय उपखण्ड अधिकारी जोधपुर से जुड़ा हुआ है। खेमे का कुआं पाल रोड निवासी राजेश भार्गव ने 21 जनवरी 2015 को जोधपुर एसडीएम कार्यालय में आरटीआई के अन्तर्गत एक अर्जी दाखिल की। इसमें महामन्दिर पुलिस थाने की ओर से 300 वर्गगज पट्टाशुदा भूमि अवाप्ति को लेकर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की सम्पूर्ण जानकारी मांगी। इसके जवाब में एसडीएम जोधपुर की ओर से 2 फरवरी को राजेश को एक पत्र भेजा गया। इसमें बताया कि उनके द्वारा मांगी गई सूचना 20 पेज की है और इसके लिए एक सप्ताह में 40 रूपए विभागीय खंजाची कार्यालय में जमा करवाएं। आरटीआई आवेदक राजेश ने 13 फरवरी को लोक सूचना अधिकारी उप खण्ड अधिकारी जोधपुर के नाम से दस-दस रूपए के चार पोस्टल ऑर्डर भिजवा दिए।
वापस भेजे पोस्टल ऑर्डर
प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीएम शिवांगी स्वर्णकार की ओर से 23 फरवरी को आरटीआई आवेदक को फिर से पत्र लिखकर बताया गया कि उनके द्वारा भेजे चालीस रूपए के पोस्टल ऑर्डर लौटाए जा रहे हैं। साथ में यह भी कहा कि चालीस रूपए नगद कार्यालय खजांची के पास जमा करवाएं ताकि सूचना तैयार करके समय पर भिजवाई जा सके।
...जबकि नियम यह
आरटीआई नियमों के अनुसार कोई भी आवेदक सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ नगद या पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से शुल्क का भुगतान कर सकता है। इसी प्रकार सूचना के लिए निर्घारित शुल्क भी आवेदक पोस्टल ऑर्डर के जरिए भुगतान कर सकता है। उसे नगद भुगतान के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
वापस लौटाए
मैंने चालीस रूपए का भुगतान पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से किया लेकिन अधिकारी ने चारों पोस्टल ऑर्डर यह कहते हुए वापस लौटा दिए कि राशि नगद जमा करवानी होगी।
राजेश भार्गव, आरटीआई आवेदक
पोस्टल ऑर्डर से भुगतान में समस्या आई होगी इसलिए आवेदक को वापस भेजे। इस बारे में मुझे अधिक जानकारी नहीं है।शिवांगी स्वर्णकार, एसडीएम जोधपुर.