Patrika:
Janjgir-Chhattisgarh: Friday, 30 January 2015.
अधिनियम
लागू होने के नौ साल बाद भी आरटीआई का पूरा ज्ञान कलेक्टोरेट के जनसूचना अधिकारी
को नहीं है। यही वजह है कि क्रोकोडायल पार्क के संबंध में चाही गई जानकारी के लिए
वन विभाग के बजाय नगरपालिका को पत्र लिखा गया है।
इसी
से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में सूचना के अधिकार अधिनियम का हश्र क्या है।
सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने १२ अक्टूबर २००५ को पूरे देश में एक साथ सूचना
का अधिकार अधिनियम लागू हुआ था। इसके तहत आम लोग कुछेक मामलों को छोड़कर अन्य सभी
तरह की जानकारी औपचारिकता पूरी कर ले सकते हैं। लेकिन जिले के नौकरशाह जानकारी
साझा करने में कोताही बरत रहे हैं।
वहीं
जिले के मुख्य विभाग कलेक्टोरेट के जनसूचना अधिकारी अधिनियम से अंजान हैं। दरअसल, कोटमीसोनार निवासी नि:शक्त बिहारीलाल थवाईत ने बीते
१० जनवरी को कलेक्टोरेट के जन सूचना अधिकारी व डिप्टी कलक्टर टीपी जांगड़े से
क्रोकोडायल पार्क के संबंध में जानकारी चाही थी।
थवाईत
ने आवेदन प्रस्तुत कर वर्ष २०१० से दिसंबर २०१४ तक शासन से प्राप्त व व्यय की गई
राशि का ब्यौरा मांगा था। चूंकि यह जानकारी कलेक्टोरेट से संबंधित नहीं है। इस
कारण जन सूचना अधिकारी जांगड़े ने बीते १६ जनवरी को अधिनियम की धारा ६ (३) के तहत
जानकारी मुहैया कराने के लिए नगरपालिका अकलतरा को पत्र लिख दिया, जबकि क्रोकोडायल पार्क वन विभाग के अधीन है।
कायदे
से पार्क से संबंधित जानकारी वन विभाग के जिम्मेदार ही दे सकते हैं। यदि
कलेक्टोरेट के जनसूचना अधिकारी ऐसी गलती करें तो उनके मातहत विभागों का हाल आसानी
से समझा जा सकता है।
अवाक
है आवदेक
कोटमीसोनार
का नि:शक्त थवाईत अधिनियम लागू होने के बाद से अब तक सैकड़ों आवेदन प्रस्तुत कर
चुका है। अपने अधिकारों का लगातार उपयोग करने के कारण उसे कई बार पुरस्कृत भी किया
गया है। डिप्टी कलक्टर व जनसूचना अधिकारी की इस गलती से थवाईत अवाक है।
उसका
कहना है कि उसके आवेदन का संबंध कलेक्टोरेट,
वन विभाग व बलौदा वन
परिक्षेत्र से है, जबकि जबकि नगरपालिका अकलतरा से
आवदेन का कोई सरोकार नहीं है। इसके बावजूद जानकारी देने में हीलहवाला करने के लिए
दूसरे विभाग को पत्र भेजकर जानकारी देने को कहा जा रहा है।
जानकारी
ली जाएगी
कलेक्टोरेट
के जनसूचना अधिकारी टीपी जांगड़े ने कहा कि क्रोकोडायल पार्क का कुछ काम नगरपालिका
अकलतरा ने किया है। इस कारण जानकारी के लिए आवेदन नपा को भेजा गया है। पार्क किसके
अधीन है इसकी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद जानकारी के लिए आवेदन को संबंधित विभाग
स्थांतरित कर दिया जाएगा।