Wednesday, January 21, 2015

सूचना के लिए मांगे सौ रुपए, आरटीआई में खुलासा

Patrika: Kanker: Wednesday, 21 January 2015.
सूचना का अधिकार अधिनियम कांकेर जिले में कितना जटिल हो गया है इसका उदाहरण जिला पंचायत के सीईओ द्वारा एक आरटीआई कार्यकर्ता को दिए गए पत्र से खुलासा होता है। आवेदक को लिखित पत्र देकर जानकारी उपलब्ध कराने सौ रूपए प्रति कापी की दर से राशि जमा कराने कहा गया है।
स्थानीय सुभाषवार्ड निवासी अजितेष दत्ताराय ने 26 नवंबर 2014 को सूचना के अधिकार के तहत जिले के आंगनबाड़ी भवनों की हालत और वहां उपलब्ध सुविधाओं के संबन्ध में जानकारी मांगी गई थी। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी विभाग से चाही गई जानकारी के लिए बीपीएल कार्डधारियों को निश्चित की गई सीमा तक कम्प्यूटराईज्ड पेज की प्रिंटआउट नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन सामान्य व्यक्तियों के लिए जानकारी उपलब्ध कराने शुल्क का प्रावधान है। जिसमें फोटोकापी मशीन से 5 रुपए और कम्प्यूटराईज्ड कापी 10 रुपए प्रति पेज शुल्क निर्धारित किया गया है।
इन नियमों की अवहेलना करते हुए जिला पंचायत के सीईओ चंदन कुमार द्वारा जानकारी उपलब्ध कराने 100 रुपए प्रति कापी के दर से 17 पेज का 1700 रूपए जमा कराने कहा गया है। जिससे वह सूचना के अधिकार से वंचित हो रहा है।
आरटीआई के माध्यम से मांगी यह जानकारी;
आवेदक अजितेष दत्ताराय द्वारा 26 नवंबर 2014 को जिला पंचायत कांकेर में आवेदन लगाकर 4 वर्ष के भीतर बने आंगनबाड़ी चाहे किसी भी मद से बना हो जो महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित नहीं किया जा रहा है एवं कितने आंगनबाडिय़ों में शौचालय की व्यवस्था है, ऐसे आंगनबाडिय़ों की प्रमाणित सूची उपलब्ध कराने की मांग की थी।
17 सौ रुपए थमाया खर्रा;
जिला पंचायत सीईओ द्वारा आवेदक को डाक के माध्यम से प्रेषित पत्र में अवगत कराया गया है कि जिला पंचायत कांकेर से चाही गई जानकारी कम्प्यूटर में तैयार की गई है। जिसकी पेज संख्या 17 है। छत्तीसगढ़ सूचना का अधिकार शुल्क एवं प्रभार नियम 2006 में छग शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय दाउ कल्याण सिंह भवन रायपुर के अधिसूचना क्रमांक एफ 2/10/2006/1/6 रायपुर 09.03.2006 के नियम 3 ख -1 अनुसार कम्प्यूटरीकृत कापी का शुल्क प्रति पेज 100 रूपए की दर से 1700 रुपए होता है। कार्यालयीन समय में उक्त रकम जमा कर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
परीक्षण करवाता हूं;
इसकी जानकारी मुझे नहीं है। जानकारी उपलब्ध कराने नियम के तहत ही शुल्क लिया जाता है। यदि ऐसी कोई शिकायत है तो मैं इसका परीक्षण करवाता हूं।
चंदन कुमार, सीईओ, जिला पंचायत कांकेर