Thursday, October 30, 2014

जो सूचना सहज मिलनी चाहिए, वह मांगने पर भी नहीं मिली

Rajasthan Patrika: Jaipur: Thursday, 30 October 2014.
सूचना का अधिकार कानून की धारा 4 के तहत करीब डेढ़ दर्जन सूचनाएं स्वत: ही सार्वजनिक करने का प्रावधान है, लेकिन कानून लागू होने के 9 साल बाद भी जिला कलक्ट्रेट जैसे अनेक कार्यालयों में ये सूचनाएं लोगों को सूचना की अर्जी लगाने पर भी नहीं मिल रही हैं।
प्रशासनिक सुधार विभाग भी ऎसे लोक सूचना अधिकारियों से परेशान है। पिछले तीन साल में तीन-चार बार इसके लिए मुख्य सचिव और सरकार के विभिन्न स्तर से हिदायत दी जा चुकी है। इसके बावजूद आधा दर्जन जिला कलक्ट्रेट कार्यालयों में आरटीआई कानून की धारा 4 के तहत तय सूचनाएं सार्वजनिक नहीं हो पाई हैं।
अपील का प्रावधान है, कर लो अपील बीकानेर निवासी मनोज के. कामरा ने सितम्बर 2014 में सूचना का अधिकार कानून के तहत बीकानेर कलक्ट्रेट में बाकायदा आवेदन करके कानून की धारा 4 (1)(बी) के तहत तय सूचना सार्वजनिक नहीं होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी तथा इनके सार्वजनिक होने में लगने वाले समय की जानकारी मांगी। इस पर लोक सूचना अधिकारी ने हाल ही जवाब दिया है कि यह सूचना प्रश्नात्मक है, इसलिए नहीं दी जा सकती और इन्हें एकत्र भी नहीं किया जा सकता।
आरटीआई कानून की धारा 4 (1)(बी) के तहत तय सूचनाएं सार्वजनिक करना लोक सूचना अधिकारी की बाध्यता है, इसके बावजूद सूचना सार्वजनिक करना तो दूर इसके सार्वजनिक करने की समय सीमा भी बताने से इनकार कर दिया गया है।
मनोज के. कामरा, आवेदक और सूचना का अधिकार कार्यकर्ता सूचना के आवेदन का जवाब दे दिया है, कानून के तहत जहां अपील करनी है, की जा सकती है।राजेश चौहान, लोक सूचना अधिकारी और बीकानेर अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) आरटीआई कानून की धारा 4 (1)(बी) के तहत निर्धारित सूचनाएं सार्वजनिक कर दी गई हैं, फिर भी लोक सूचना अधिकारी ने इस तरह जवाब दिया है तो मामला दिखवा लिया जाएगा।
आरती डोगरा, कलक्टर, बीकानेर आरटीआई कानून की धारा 4 (1)(बी) के तहत निर्घारित सूचनाएं सार्वजनिक करने के सभी कार्यालयों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दे रखे हैं। इसकी पालना होनी ही चाहिए। विकास एस. भाले, संयुक्त सचिव (आरटीआई), प्रशासनिक सुधार विभाग.