नवभारत
टाइम्स: नोएडा: Saturday, 03 May 2014.
आरटीआई
ऐक्टिविस्ट चंद्रमोहन की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनकी डेड बॉडी जली हुई कार
में पाई गई। पुलिस इस मामले को आग लगने से हुआ हादसा मान रही है, जबकि चंद्रमोहन की फैमिली ने हत्या का आरोप लगाया है।
फैमिली का कहना है कि उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जे का विरोध किया था। कासना के
कुछ लोगों से उनकी लंबे समय से रंजिश थी और कई बार हमला हो चुका था। पुलिस से इसकी
शिकायत की गई थी।
चंद्रमोहन
लंबे समय से भूजल दोहन और अन्य कई मामलों में आरटीआई डालकर जवाब मांग चुके थे।
अल्फा-2 सेक्टर में रहने वाले
चंद्रमोहन यहां होंडा सीएल कंपनी में लाइन असोसिएट थे। गुरुवार रात ड्यूटी खत्म
होने के बाद वह 11:10 बजे कंपनी से अपनी कार में घर
के लिए निकले, लेकिन घर नहीं पहुंचे।
रात
में 12:06 पर एच्छर चौकी पुलिस को कार
में आग लगने की सूचना मिली। एसपी देहात डॉ. ब्रिजेश कुमार ने बताया कि पुलिस के
पहुंचने तक कार पूरी तरह जल चुकी थी। चंद्रमोहन भी पूरी तरह जल चुके थे। कार के
रजिस्ट्रेशन नंबर के आखिरी दो अंकों के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार सुबह उनकी पत्नी
सविता शर्मा को मामले की जानकारी दी। चंद्रमोहन की पत्नी सविता शर्मा आम आदमी
पार्टी की वेस्ट यूपी की सचिव हैं और 2012
में जेवर विधानसभा सीट
से चुनाव लड़ चकी हैं।
चंद्रमोहन
के साले विदेश ने बताया कि दो दिन पहले ही उनके जीजा को परी चौक के निकट कासना के
कुछ लोगों ने जान से मारने की धमकी दी थी। उन्होंने इस संबंध में 30 अप्रैल को कासना कोतवाली में लिखित तहरीर भी दी थी, जिस पर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। एसपी का
कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी।