आईबीएन-7: नई
दिल्ली: Tuesday, June 04, 2013.
मुख्य
सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए देश के सभी राजनीतिक
दलों को आरईटीआई के दायरे में बताया है। इसका मतलब ये है कि राजनीतिक दलों से
जुड़ी जानकारी कोई भी शख्स आरटीआई के जरिए उनसे हासिल कर सकता है।
गौरतलब
है कि राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से हो रही थी
लेकिन पार्टियों का तर्क था कि उन्हें दान देने वालों की संख्या लाखों में होती है
जिनका पूरा रिकॉर्ड रखना संभव नहीं होता। वैसे भी वे ट्रस्ट के तरह रजिस्टर्ड हैं।
राजनीतिक दलों का ये तर्क मुख्य सूचना आयुक्त ने खारिज कर दिया।
भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीपीआई को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दलों ने खुद को सूचना
के अधिकार कानून के दायरे में लाये जाने का कड़ा विरोध किया था। हालांकि केंद्रीय
सूचना आयोग के फैसले के बाद वे सीधी टिप्पणी करने से बच रहे हैं।
कांग्रेस
प्रवक्ता शकील अहमद ने इस मुद्दे पर कहा कि जो भी हो, वो चर्चा के बाद ही हो। जो निर्णय सबको मंजूर होगा, उसे लागू कर दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष
सिसौदिया ने कहा कि ये स्वागतयोग्य फैसला है। हमारी पार्टी पहले से ही इसे लागू
किए हुए है और किसी भी आरटीआई एप्लीकेशन का जवाब देने के लिए तैयार है।