दैनिक भास्कर: पटना: Sunday, May 12, 2013.
केंद्रीय
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बिहार में ग्रामीण विकास व मनरेगा की
गड़बडिय़ों को उठाने वाले लोगों की हत्याओं को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है।
उन्होंने सुझाया है कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार पंचायतों के काम का
विशेष ऑडिट कराये, आपराधिक मामलों के अलावा गबन
की राशि की वसूली की जाये,
पीडि़त परिवारों को
मुआवजा दिया जाये और सामाजिक अंकेक्षण निदेशालय की स्थापना की जाये ताकि पंचायतों
में जवाबदेही व पारदर्शिता लायी जा सके।
केंद्रीय
मंत्री ने कहा है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ऐसा नियम बनाने के बारे में सोच रहा
है जिसे पूरे देश में लागू किया जा सके जहां हत्या या हमले की घटनाएं हो रही हैं।
इस नियम का मकसद ऐसी घटनाओं को रोकना है।
जयराम
रमेश ने यह चिट्ठी राज्य में आरटीआई कार्यकर्ता राम कुमार ठाकुर और रामविलास सिंह
की हत्या के आलोक में लिखी है।
इन
घटनाओं के मद्देनजर सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे के नेतृत्व में सूचना के जन
अधिकार पर राष्ट्रीय अभियान के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की थी।
इस प्रतिनिधिमंडल में बिहार से अभियान के कोर कमेटी के
सदस्य
आशीष रंजन और संजय सहनी भी शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री को
जानकारी दी कि राज्य में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं और अब तक
पांच हत्साएं हो चुकी हैं। अनेक कार्यकर्ताओं को धमकियां मिल रही हैं। उन्हें
बताया गया कि मारे गये कार्यकर्ताओं राम कुमार ठाकुर और रामविलास सिंह ने सुरक्षा
की मांग की थी। पर उन्हें सुरक्षा नहीं मिली। राम कुमार ठाकुर के बच्चे डर के मारे
स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं।
