Prabhat khabar ; Nov 29 , 2010
चंडीगढ़ः पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चों के ‘धर्म और आस्था’ के बारे में आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी मांगने संबंधी अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता उनकी निजता का उल्लंघन करने का प्रयास कर रहा है.
न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने केंद्रीय सूचना आयोग के फ़ैसले को कायम रखते हुए कहा, इस बात के सबूत हैं कि याचिकाकर्ता इन व्यक्तियों की निजता में दखल देने की कोशिश कर रहा है, जबकि वे सार्वजनिक तौर पर जानी-मानी हस्तियां हैं और यह सूचनाएं सार्वजनिक नहीं की जा सकतीं.
हरियाणा के पूर्व डीजीपी पी सी वाधवा ने सूचना के अधिकार के तहत सोनिया गांधी और उनके बच्चों द्वारा पिछली जनगणना के दौरान बताये गये अपने ‘धर्म और आस्था’ के बारे में केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) से जानकारी मांगी थी. सीपीआईओ ने वाधवा का आवेदन खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था. आयोग ने भी इस आवेदन को खारिज कर दिया था. उच्च न्यायालय ने इस बात को कायम रखा कि याचिकाकर्ता ने जो जानकारी मांगी है, वह गोपनीय है.