Dainik Bhaskar: UP: Friday,
27 December 2024.
मेरठ के बीडीओ पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगते ही वो सूचना लेकर लखनऊ आरटीआई कार्यालय पहुंच गए। संतोषजनक सूचना देने पर अपील निस्तारित कर दी गई। राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र सिंह ने मामले का निस्तारण करते हुए आगे से समय से सूचना देने की चेतावनी दी।
आइए जानते हैं क्या था मामला:
29 जुलाई 2021 और 26 अगस्त 2021 को जनसूचना अधिकारी से रठौरा
खुर्द में दो वर्षों में स्वीकृत कैटल शैडों की संख्या और लाभार्थियों के नाम की
जानकारी मांगी गई थी। बार- बार सूचना मांगने के बाद भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी
जा रही थी। इसके बाद अपीलकर्ता धनपाल सिंह ने लखनऊ आयोग में द्वितीय अपील दायर की
थी।
15 अक्टूबर 2022 को आयोग ने जनसूचना अधिकारी खंड विकास अधिकारी हस्तिनापुर को दोषी पाया। "सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005" की धारा 20 (1) के तहत 25,000 रुपए का अर्थदंड लगाया था। इसके साथ ही अपीलार्थी को 15 दिन के भीतर सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। आयोग ने आदेश का पालन न करने पर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की करने की चेतावनी दी थी।
अर्थदंड और चेतावनी के बाद 3 नवंबर 2024 को अपीलार्थी को वांछित सूचनाएं भेज दी गई। इसकी एक प्रति आयोग को भेज दी गई। आयोग ने दी गई सूचनाओं का परीक्षण किया जो संतोषजनक थीं।
मेरठ के बीडीओ पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगते ही वो सूचना लेकर लखनऊ आरटीआई कार्यालय पहुंच गए। संतोषजनक सूचना देने पर अपील निस्तारित कर दी गई। राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र सिंह ने मामले का निस्तारण करते हुए आगे से समय से सूचना देने की चेतावनी दी।
आइए जानते हैं क्या था मामला:
15 अक्टूबर 2022 को आयोग ने जनसूचना अधिकारी खंड विकास अधिकारी हस्तिनापुर को दोषी पाया। "सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005" की धारा 20 (1) के तहत 25,000 रुपए का अर्थदंड लगाया था। इसके साथ ही अपीलार्थी को 15 दिन के भीतर सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। आयोग ने आदेश का पालन न करने पर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की करने की चेतावनी दी थी।
अर्थदंड और चेतावनी के बाद 3 नवंबर 2024 को अपीलार्थी को वांछित सूचनाएं भेज दी गई। इसकी एक प्रति आयोग को भेज दी गई। आयोग ने दी गई सूचनाओं का परीक्षण किया जो संतोषजनक थीं।