खास खबर: बीकानेर : रविवार, दिसंबर 29, 2024.
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मानव संसाधन विकास निदेशालय में आयोजित इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ अरुण कुमार, विशिष्ट अतिथि कुल सचिव डॉ देवा राम सैनी और सूचना का अधिकार अधिनियम विशेषज्ञ अमित व्यास थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वित्त नियंत्रक राजेन्द्र कुमार खत्री ने की.
कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि यह कृषि विश्वविद्यालय उत्कर्ष कार्य कर रहा है। यहां पूरी पारदर्शिता से ही सभी कार्य हो रहे हैं। काम करते हैं तो कुछ गलतियां भी हो सकती हैं। लेकिन इससे किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। किसी भी आरटीआई का नियमानुसार जवाब दें। पद और विश्वविद्यालय की गरिमा बनी रहे। सभी को इसका विशेष ख्याल रखना चाहिए।
कुलसचिव डॉ देवा राम सैनी ने कहा कि हम अगर पारदर्शिता से काम करते हैं तो हमें किसी से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। आरटीआई एक्ट से भी नहीं। सरकार कोई भी एक्ट लाती है तो उसका विजन होता है। आरटीआई एक्ट भी सरकारी कामकाज में पारदर्शिता को लेकर लाया गया था। सभी पारदर्शिता के साथ बेहतरीन कार्य करें।
वित्त नियंत्रक राजेन्द्र कुमार खत्री ने कार्यशाला की शुरुआत करते हुए कहा कि पारदर्शिता सुशासन की चाबी है। जनता के टैक्स से सरकार चलती है तो जनता को भी अधिकार होना चाहिए। कि वो सरकारी कामकाज को पारदर्शिता के साथ जान सके। लेकिन हम जो भी कार्य करते हैं उसे वेबसाइट या पोर्टल पर भी अपलोड कर देते हैं। आरटीआई लगाने वाले ज्यादातर लोग वही हैं जो वेबसाइट या पोर्टल नहीं देखते। कुछ लोग दुष्प्रेरित होकर किसी के प्रति आरटीआई लगाते हैं जो खेदजनक है।
कार्यशाला में आरटीआई एक्ट एक्सपर्ट अमित व्यास ने आरटीआई के विभिन्न आयामों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी आरटीआई से घबराने की जरूरत नहीं है। आरटीआई का पहला थंब रूल यही है कि आपको देखना है कि आरटीआई व्यक्तिगत श्रेणी की है या सार्वजनिक श्रेणी की।
अगर व्यक्तिगत श्रेणी की है तो उसकी जानकारी नहीं देनी है। अगर सार्वजनिक श्रेणी की है तो उसका नियमानुसार समयबद्ध जवाब दें। कार्यक्रम में सभी डीन डायरेक्टर समेत कृषि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक स्टाफ भी मौजूद रहा। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ सुशील कुमार ने किया।