हिन्दुस्थान समाचार: नागदा: Saturday, 19 November 2022.
शहर कें हजारों लोगों की जलआपूर्ति में उपयोग में लाए जा रहे एलम की गुणवत्ता को लेकर इन दिनों उठे विवाद में अब सूचना अधिकार की एक विशेष धारा क उपयोग किया गया। जिसके तहत एक आरटीआई कार्यकर्ता को नपा के अधिकारियों की एक टीम ने आवेदन के बाद महज 48 घंटे की समय सीमा में शुक्रवार को विवादित एलम का निरीक्षण कराया। बाद में उसका सैंपल भी उपलब्ध कराया। मुख्य नपा अधिकारी सीएस जाट के आदेश पर यह कार्यवाही आरटीआई कार्यकर्ता कैलाश सनोलिया के सूचना अधिकार पर हुई है।
आपको बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता ने एलम की गुणवत्ता की जांच उच्च स्तर की निजी तौर पर प्रयोग शाला में कराने के लिए सूचना अधिकार की एक विशेष धारा 2 जे (3) में आवेदन प्रस्तुत कर पहले एलम का निरीक्षण कर उसका सैंपल प्राप्त करने की मांग की थी। वैसे तो सूचना अधिकार में 30 दिनों में जानकारी उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन किसी के जीवन एवं स्वतंत्रता को लेकर अधिनियम की धारा 7(1) में महज 48 घंटे में जानकारी मुहैया कराने का प्रावधान है। जागरूकता के अभाव में जनता इसका उपयोग नहीं कर पाती है। इस प्रकरण में यह मामला उठाया थाकि यह मामला हजारों लोगों से जुडे पेयजल तथा जनमानस के स्वाथ्य से जुड़ा है। इसलिए अधिनियम की विशेष धारा लागू होगी। इसलिए पहले फिल्टर प्लांट स्थल का निरीक्षण कराकर 48 घंटे में एलम का नमूना उपलब्ध कराया जाए।
पंचनामा पर नपा के इंजीनियर जितेंद्र पटेल, फिल्टर प्लांट प्रभारी आरके व्यास, समय पाल अशोक परमार, कर्मचारी प्रकाश एवं सुश्री ज्योति आदि ने हस्ताक्षर किए। एक नमूना नपा के पास सुरक्षित है। जो नमूना प्राप्त हुआ उसको अब अलग अलग प्रयोग शोला में गुणवत्ता की जांच के लिए भेजा जाएगा।
एलम का भुगतान अभी बाकी
जिस एलम को लेकर विवाद शहर में उठा है उसका भुगतान अभी नहीं किया गया है। यह खुलासा भी आरटीआई में उजागर हुआ है। प्रमाणित अभिलेखों की मुताबिक नपा ने 100 टन फेरिक एलम ग्रेड 4 अल्फा ग्लू कैम शाजापूर से क्रय किया है।
शहर कें हजारों लोगों की जलआपूर्ति में उपयोग में लाए जा रहे एलम की गुणवत्ता को लेकर इन दिनों उठे विवाद में अब सूचना अधिकार की एक विशेष धारा क उपयोग किया गया। जिसके तहत एक आरटीआई कार्यकर्ता को नपा के अधिकारियों की एक टीम ने आवेदन के बाद महज 48 घंटे की समय सीमा में शुक्रवार को विवादित एलम का निरीक्षण कराया। बाद में उसका सैंपल भी उपलब्ध कराया। मुख्य नपा अधिकारी सीएस जाट के आदेश पर यह कार्यवाही आरटीआई कार्यकर्ता कैलाश सनोलिया के सूचना अधिकार पर हुई है।
आपको बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता ने एलम की गुणवत्ता की जांच उच्च स्तर की निजी तौर पर प्रयोग शाला में कराने के लिए सूचना अधिकार की एक विशेष धारा 2 जे (3) में आवेदन प्रस्तुत कर पहले एलम का निरीक्षण कर उसका सैंपल प्राप्त करने की मांग की थी। वैसे तो सूचना अधिकार में 30 दिनों में जानकारी उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन किसी के जीवन एवं स्वतंत्रता को लेकर अधिनियम की धारा 7(1) में महज 48 घंटे में जानकारी मुहैया कराने का प्रावधान है। जागरूकता के अभाव में जनता इसका उपयोग नहीं कर पाती है। इस प्रकरण में यह मामला उठाया थाकि यह मामला हजारों लोगों से जुडे पेयजल तथा जनमानस के स्वाथ्य से जुड़ा है। इसलिए अधिनियम की विशेष धारा लागू होगी। इसलिए पहले फिल्टर प्लांट स्थल का निरीक्षण कराकर 48 घंटे में एलम का नमूना उपलब्ध कराया जाए।
पंचनामा पर नपा के इंजीनियर जितेंद्र पटेल, फिल्टर प्लांट प्रभारी आरके व्यास, समय पाल अशोक परमार, कर्मचारी प्रकाश एवं सुश्री ज्योति आदि ने हस्ताक्षर किए। एक नमूना नपा के पास सुरक्षित है। जो नमूना प्राप्त हुआ उसको अब अलग अलग प्रयोग शोला में गुणवत्ता की जांच के लिए भेजा जाएगा।
एलम का भुगतान अभी बाकी
जिस एलम को लेकर विवाद शहर में उठा है उसका भुगतान अभी नहीं किया गया है। यह खुलासा भी आरटीआई में उजागर हुआ है। प्रमाणित अभिलेखों की मुताबिक नपा ने 100 टन फेरिक एलम ग्रेड 4 अल्फा ग्लू कैम शाजापूर से क्रय किया है।