जागरण: अलीगढ़: Saturday, 30 July 2022.
राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने मंडल के दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को कमिश्नरी में जन सुनवाई की। दूसरे दिन पांच घंटे में कुल 130 मामलों का निस्तारण किया गया। पहले दिन आठ घंटे में कुल 255 मामले निपटाए गए थे। ऐसे में दोनों दिनों में मंडल में कुल 13 घंटे की जनसुनवाई में 385 मामले निस्तारित किए गए हैं।
जन सूचना अधिकार के नियमों की अनदेखी करने पर अलीगढ़-आगरा मंडल के 48 अधिकारियों पर 12 लाख का जुर्माना लगाया गया है। राज्य सूचना आयुक्त गुरुवार को मंडल के दो दिवसीय दौरे पर अलीगढ़ में आए थे। कमिश्नरी में उन्होंने जनसुनवाई की।
शुक्रवार को दो दिन की जनसुनवाई के बाद उन्होंने पत्रकारवार्ता की। इसमें बताया कि पिछले दो माह में 48 जनसूचना अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी कर समय से सूचना उपलब्ध न कराने, भ्रामक सूचनाएं उपलब्ध कराने, विभिन्न प्रकार से गुमराह करने, सूचना देने में आना-कानी करने पर 12 लाख का अर्थदंड लगाया गया है।
इसमें अलीगढ़ के 12 अधिकारियों पर तीन लाख का अर्थदंड शामिल है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा वादकारियों की सहूलियत के लिए मंडलीय भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इससे आवेदकों को लंबे समय से अटकी हुई विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त हो सकेंगी।
उन्होंने बताया कि जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत अधिकतर कार्रवाई ग्राम विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों पर की गई है। दो दिन में उन्होंने पिछले दो-ढाई साल से लंबित मामले निपटा दिए हैं।
उन्होंने बताया कि अधिनियम के अनुसार वांछित सूचना उपलब्ध न कराने पर आयोग द्वारा 250 रुपये प्रतिदिन और अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। दोषी अफसर के वेतन से इसकी वसूली होती है।
उन्होंने बताया कि बीडीओ हसायन ने वादी रवींद्र कुमार से सूचना दिए जाने के एवज में 4784 रुपये प्राप्त किए, जिसके सापेक्ष मात्र 110 पृष्ठ ही दिए। आयोग ने विशेष सुनवाई करते हुए वादी को ब्याज सहित धनराशि लौटाने का आदेश पारित किया।
इसके साथ ही वादी आमोद कुमार शर्मा को प्रधानाचार्य जनता इंटर कालेज कासगंज द्वारा सूचना उपलब्ध न कराए जाने और व्यक्ति को इस संबंध मे कोई जानकारी न होने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगा है।
अलीगढ़ में बीडीओ इगलास एवं सहायक विकास अधिकारी राजपाल सिंह पर भी अधिनियम का पालन न करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगा है।
इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुुमार वर्मा, सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।
राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने मंडल के दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को कमिश्नरी में जन सुनवाई की। दूसरे दिन पांच घंटे में कुल 130 मामलों का निस्तारण किया गया। पहले दिन आठ घंटे में कुल 255 मामले निपटाए गए थे। ऐसे में दोनों दिनों में मंडल में कुल 13 घंटे की जनसुनवाई में 385 मामले निस्तारित किए गए हैं।
जन सूचना अधिकार के नियमों की अनदेखी करने पर अलीगढ़-आगरा मंडल के 48 अधिकारियों पर 12 लाख का जुर्माना लगाया गया है। राज्य सूचना आयुक्त गुरुवार को मंडल के दो दिवसीय दौरे पर अलीगढ़ में आए थे। कमिश्नरी में उन्होंने जनसुनवाई की।
शुक्रवार को दो दिन की जनसुनवाई के बाद उन्होंने पत्रकारवार्ता की। इसमें बताया कि पिछले दो माह में 48 जनसूचना अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी कर समय से सूचना उपलब्ध न कराने, भ्रामक सूचनाएं उपलब्ध कराने, विभिन्न प्रकार से गुमराह करने, सूचना देने में आना-कानी करने पर 12 लाख का अर्थदंड लगाया गया है।
इसमें अलीगढ़ के 12 अधिकारियों पर तीन लाख का अर्थदंड शामिल है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा वादकारियों की सहूलियत के लिए मंडलीय भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इससे आवेदकों को लंबे समय से अटकी हुई विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त हो सकेंगी।
उन्होंने बताया कि जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत अधिकतर कार्रवाई ग्राम विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों पर की गई है। दो दिन में उन्होंने पिछले दो-ढाई साल से लंबित मामले निपटा दिए हैं।
उन्होंने बताया कि अधिनियम के अनुसार वांछित सूचना उपलब्ध न कराने पर आयोग द्वारा 250 रुपये प्रतिदिन और अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। दोषी अफसर के वेतन से इसकी वसूली होती है।
उन्होंने बताया कि बीडीओ हसायन ने वादी रवींद्र कुमार से सूचना दिए जाने के एवज में 4784 रुपये प्राप्त किए, जिसके सापेक्ष मात्र 110 पृष्ठ ही दिए। आयोग ने विशेष सुनवाई करते हुए वादी को ब्याज सहित धनराशि लौटाने का आदेश पारित किया।
इसके साथ ही वादी आमोद कुमार शर्मा को प्रधानाचार्य जनता इंटर कालेज कासगंज द्वारा सूचना उपलब्ध न कराए जाने और व्यक्ति को इस संबंध मे कोई जानकारी न होने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगा है।
अलीगढ़ में बीडीओ इगलास एवं सहायक विकास अधिकारी राजपाल सिंह पर भी अधिनियम का पालन न करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगा है।
इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुुमार वर्मा, सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।