अमर उजाला: चंडीगढ़: Friday, September 20, 2013.
राइट
टू इंफॉरमेशन (आरटीआई) के तहत जानकारी पाना अब और आसान हो जाएगा। अक्तूबर-2013 से आरटीई के तहत मांगी गई जानकारी ई-मेल से भी मिल
सकेगी।
नए
सिस्टम से लोगों को जानकारी पाने के लिए अधिक खर्च भी नहीं करना पड़ेगा। इस सिस्टम
की शुरुआत होने से देश में आरटीआई से संबंधित शिकायतों में भी कमी आएगी।
यह
जानकारी वीरवार को पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंची राइट टू इंफॉरमेशन की चीफ
इंफॉरमेशन कमिश्नर (सीआईसी) दीपक संधू ने दी।
सीआईसी
का पदभार संभालने के बाद प्रशासनिक दौरे पर आईं संधू ने आरटीई में आ रही जटिलताओं
के बारे में जानकारी दी।
पंजाब
यूनिवर्सिटी के लॉ ऑडिटोरियम में हुए उनके लेक्चर में पीयू के सभी आला अधिकारियों
के साथ ही सेंट्रल पब्लिक इंफॉरमेशन अफसर (सीपीआईओ) भी पहुंचे।
आरटीआई
में नए बदलावों पर संधू ने कहा कि ई-फाइलिंग सिस्टम से कागजी कामकाज तो कम होगा ही, लोगों को आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी भी जल्द मिल
सकेगी।
कार्यक्रम
में संधू ने कहा कि ने आरटीआई के तहत जानकारी लेना हर नागरिक का संवैधानिक हक है।
यह बात बताने के साथ ही उन्होंने पर्सनल और प्राइवेट जानकारी को लेकर भी विस्तर से
व्याख्यान दिया।
सीआईसी
में आरटीआई केसों की सुनवाई में देरी पर संधू ने कहा कि अब पेंडेंसी एक साल से कम
होकर छह महीने रह गई है। सीआईसी के पास 10 हजार मामले सुनवाई के लिए
लंबित है।
भारत
सरकार जल्द ही नए इंफॉरमेशन कमिश्नर और अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने की तैयारी कर
रही है। आरटीआई के प्रति जागरूकता लाने के लिए एनसीईआरटी किताबों के पीछे इस संबंध
में जानकारी प्रिंट कराएगी।