Dainik Bhaskar: Ludhiana: Sunday, 28 December 2025.
पंजाब सोसाइटी
रजिस्ट्रेशन अमेंडमेंट एक्ट 2025 (प्रस्तावित ) को लेकर लगातार
विवाद हो रहा है। आज मॉडल टाउन लुधियाना में हुई एक विशेष बैठक में में सांझा मंच
के समाजसेवी संस्थाओं ने इसको लेकर चर्चा की। संस्थाओं ने राज्य सरकार के नए
प्रस्ताव का विरोध किया और इसको असंवैधानिक बताया।
इसे संशोधन के दायरे में नहीं लाया जा सकता है
स्कूल संघ पंजाब के प्रतिनिधि भुवनेश भट्ट ने कहा कि RTI एक्ट 2005 की धारा 2(h) में संशोधन किए बिना, गैर सरकारी वित्तीय सहायता प्राप्त सोसाइटियों को RTI एक्ट के दायरे में शामिल करना कानूनी रूप से संभव नहीं है और RTI Act 2005 केंद्रीय क़ानून है। सरकार का ये असंवैधानिक फैसला है। जिसमें संशोधन राज्य सरकार के दायरे में नहीं आता। अतः इस मुद्दे पर बारीकी से नजर रखी जाए और नोटिफिकेशन होने पर फिर से चर्चा करके उपयुक्त कदम उठाए जाएं।
बिना मदद के समाज के लिए कर रहे काम, तो हम शिकंजा क्यों
FAP के प्रतिनिधि अनुभव जैन ने कहा कि सोसाइटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड सोसाइटियां स्वास्थ-शिक्षा-खेल प्रोत्साहन जैसी सरकारी जिम्मेदारी को बिना सरकार की मदद लिए निभा रही हैं। साथ ही संस्कृति और सभ्याचार के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित है। उनका कहना है कि इन समाज सेवी संस्थाओं को बढ़ावा देने के बजाय वर्तमान पंजाब सरकार शिकंजा कस रही है। जबकि सरकार ऐसी पार्टी की है, जो एक सामाजिक संस्था के आंदोलन से जन्मी है। इसका यह फैसला हैरानीजनक है।
सरकार केवल अफसरों के इनपुट तक सीमित
JAF के प्रतिनिधि प्रीतपाल सिंह ने कहा कि सरकार का गैर सरकारी सामाजिक संस्थाओं (सोसाइटी) को RTI के दायरे में शामिल करने की कोशिश न केवल असंवैधानिक है बल्कि चुनावी वर्ष में सरकार की छवि को भी धूमिल करेगी। शायद सरकार केवल अफसरशाही के इनपुट तक सीमित होती जा रही है।
बैठक में स्कूल संघ पंजाब के प्रतिनिधि राजेश नागर ने कहा कि उक्त प्रस्तावित सोसाइटी एक्ट संशोधन में RTI संबंधी कोलाज को छोड़कर बाकी सभी बातें पहले से ही सोसाइटी एक्ट का हिस्सा हैं। यह केवल पुराने सामान को नई पैकिंग करके मार्केटिंग का मामला लगता है ।बैठक में सांझा मंच के समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि अनुभव कुमार, बलदेव अरोड़ा, बलदेव बावा, मनमोहन सिंह, विशाल गर्ग, शिफू अग्रवाल, गौरव नागर,सुरिंदर नेगी, पृथिपाल सिंह, राजेश नागर, भुवनेश भट्ट आदि शामिल हुए।
कानूनी विकल्प पर होगी चर्चा
पंजाब कैबिनेट द्वारा 29 नवंबर 2025 को पास उक्त बिल जो कि अभी नोटिफाई नहीं हुआ है। उसके अंतर्गत सभी सोसाइटीज़ को RTI Act के दायरे में शामिल करने संबंधी प्रावधान पूरी तरह असंवैधानिक फैसला है। इस संबंधी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इस पर सभी कानूनी विकल्पों पर चर्चा कि जाएगी।
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| सांझा मंच के प्रतिनिधी बैठक दौरान उपस्थित। |
इसे संशोधन के दायरे में नहीं लाया जा सकता है
स्कूल संघ पंजाब के प्रतिनिधि भुवनेश भट्ट ने कहा कि RTI एक्ट 2005 की धारा 2(h) में संशोधन किए बिना, गैर सरकारी वित्तीय सहायता प्राप्त सोसाइटियों को RTI एक्ट के दायरे में शामिल करना कानूनी रूप से संभव नहीं है और RTI Act 2005 केंद्रीय क़ानून है। सरकार का ये असंवैधानिक फैसला है। जिसमें संशोधन राज्य सरकार के दायरे में नहीं आता। अतः इस मुद्दे पर बारीकी से नजर रखी जाए और नोटिफिकेशन होने पर फिर से चर्चा करके उपयुक्त कदम उठाए जाएं।
बिना मदद के समाज के लिए कर रहे काम, तो हम शिकंजा क्यों
FAP के प्रतिनिधि अनुभव जैन ने कहा कि सोसाइटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड सोसाइटियां स्वास्थ-शिक्षा-खेल प्रोत्साहन जैसी सरकारी जिम्मेदारी को बिना सरकार की मदद लिए निभा रही हैं। साथ ही संस्कृति और सभ्याचार के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित है। उनका कहना है कि इन समाज सेवी संस्थाओं को बढ़ावा देने के बजाय वर्तमान पंजाब सरकार शिकंजा कस रही है। जबकि सरकार ऐसी पार्टी की है, जो एक सामाजिक संस्था के आंदोलन से जन्मी है। इसका यह फैसला हैरानीजनक है।
सरकार केवल अफसरों के इनपुट तक सीमित
JAF के प्रतिनिधि प्रीतपाल सिंह ने कहा कि सरकार का गैर सरकारी सामाजिक संस्थाओं (सोसाइटी) को RTI के दायरे में शामिल करने की कोशिश न केवल असंवैधानिक है बल्कि चुनावी वर्ष में सरकार की छवि को भी धूमिल करेगी। शायद सरकार केवल अफसरशाही के इनपुट तक सीमित होती जा रही है।
बैठक में स्कूल संघ पंजाब के प्रतिनिधि राजेश नागर ने कहा कि उक्त प्रस्तावित सोसाइटी एक्ट संशोधन में RTI संबंधी कोलाज को छोड़कर बाकी सभी बातें पहले से ही सोसाइटी एक्ट का हिस्सा हैं। यह केवल पुराने सामान को नई पैकिंग करके मार्केटिंग का मामला लगता है ।बैठक में सांझा मंच के समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि अनुभव कुमार, बलदेव अरोड़ा, बलदेव बावा, मनमोहन सिंह, विशाल गर्ग, शिफू अग्रवाल, गौरव नागर,सुरिंदर नेगी, पृथिपाल सिंह, राजेश नागर, भुवनेश भट्ट आदि शामिल हुए।
कानूनी विकल्प पर होगी चर्चा
पंजाब कैबिनेट द्वारा 29 नवंबर 2025 को पास उक्त बिल जो कि अभी नोटिफाई नहीं हुआ है। उसके अंतर्गत सभी सोसाइटीज़ को RTI Act के दायरे में शामिल करने संबंधी प्रावधान पूरी तरह असंवैधानिक फैसला है। इस संबंधी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इस पर सभी कानूनी विकल्पों पर चर्चा कि जाएगी।










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