नवभारत
टाइम्स:
भोपाल: Tuesday, October 30,
2012.
मध्य
प्रदेश के छह बाघ अभयारण्यों में अनेक स्तरों पर 295
पद खाली पड़े हैं जिससे बाघों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई है।
आरटीआई
कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा दाखिल अर्जी के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार
फॉरेस्ट गार्ड के स्तर पर सबसे ज्यादा 222 पद खाली पड़े हैं। इनके
अतिरिक्त 46 जगह फॉरेस्टर की, 25 वन्य रेंजर की और दो पद उप रेंजर के खाली पड़े हैं।
आरटीआई जवाब के अनुसार कुल रिक्तियों में 87 पद सतपुड़ा बाघ
अभयारण्य(होशंगाबाद) में,
62 कान्हा टाइगर रिजर्व
में, 46 संजय बाघ अभयारण्य(सीधी) में, 44 बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में, 37 पन्ना बाघ अभयारण्य में और 19 पेंच रिजर्व(सिवनी) में खाली हैं।
राष्ट्रीय
बाघ संरक्षण प्राधिकरण के इस साल अप्रैल तक के आधिकारिक आंकड़े के अनुसार मध्य
प्रदेश में जनवरी से मार्च,
2012 के बीच करीब 16 बाघ मृत पाए गए। 2010 की
बाघों की गणना के अनुसार देश में 1,706
बाघ हैं। इनमें से मध्य
प्रदेश में करीब 257 बाघ हैं।
गौर
करने वाली बात यह भी है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दो साल पहले मध्य प्रदेश
सरकार को विशेष बाघ सुरक्षा बल बनाने के लिए कहा था लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं
किया गया है। प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2010 में मध्य प्रदेश के
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बाघों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने
पर जोर दिया था।
दुबे
ने कहा, 'यह दुर्भाज्ञपूर्ण है कि राज्य
सरकार ने अनेक बाघ अभयारण्यों में खाली पड़े पद नहीं भरे हैं। सरकार ने बाघों को
बचाने के लिए विशेष बाघ सुरक्षा बल भी नहीं बनाया है। हम इस संबंध में जल्दी
मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।'