Patrika: Chandigarh: Friday,
April 08, 2016.
हरियाणा
के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के सकारात्मक प्रयोग
से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे प्रशासनिक कार्यों में
पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी आसानी से तय की जा सकती है। मुख्य सचिव हरियाणा लोक
प्रशासन संस्थान (हिपा) द्वारा आरटीआई एवं सूओ-मोटो डिस्क्लोजर विषय पर आयोजित
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने
कहा कि सेवा के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए सूचना के अधिकार का समुचित प्रयोग
लाभदायक सिद्घ हो सकता है। सेवा के अधिकार के तहत सभी सरकारी कर्मचारियों को
सार्वजनिक सेवाएं समय पर उपलब्ध करवानी होगी,
यदि कोई कर्मचारी या
अधिकारी ऐसा करने में असमर्थ रहता है तो उसकी शिकायत आरटीएस आयुक्त के पास भेजी जा
सकती है।
ढेसी
ने कहा कि सेवा के अधिकार (आरटीएस) अधिनियम के तहत लोगों को 195 सेवाएं निर्धारित समय में उपलब्ध करवाने के लिए
अधिसूचित किया गया है। इन सेवाओं के सुचारू वितरण में सूचना का अधिकार (आरटीआई)
अधिनियम विशेष तौर पर सहायक सिद्घ हो सकता है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार
अधिनियम लोगों का संवैधानिक अधिकार है। इसके विषय में देश व प्रदेश के प्रत्येक
गली, मौहल्ले, गांव,
तहसील तथा शहर के लोगों
को जागरूक किया जाना चाहिए। केन्द्र सरकार द्वारा 14
अप्रैल से 24 अप्रैल तक ग्राम उदय से भारत
उदय तक अभियान चलाया जाएगा,
जिसमें लोगों को आरटीआई
के विषय में भी जागरूक किया जाएगा।
मुख्य
सचिव ने कहा कि मेक-इन-इंडिया अभियान के सुचारू रूप से संचालन हेतु प्रगति नामक
विडियो कॉफ्रेसिंग गत 11 माह से की जा रही है। इस
दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव तथा केन्द्र
सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने प्रदेश एवं विभागों की प्रगति रिपोर्ट दी
जाती है।
केन्द्रीय
सूचना आयुक्त मदाभूषणम् श्रीधर आचार्युलू ने कहा कि लोकतंत्र में पारदर्शिता एवं
सूचना का अहम योगदान होता है। सूचना के अधिकार का प्रयोग सरकारी, अर्ध सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त निजी
संस्थानों में भी किया जा सकता है। हरियाणा के मुख्य सूचना आयुक्त नरेश गुलाटी ने
कहा कि प्रदेश में सूचना के अधिकार का प्रयोग करने वाले कुल लोगों में से करीब 10 से 12 प्रतिशत लोगों की शिकायत ही
उन तक पहुंचती है।