दैनिक जागरण: कोलकाता: Sunday,
August 04, 2013.
आरटीआइ के दायरे से खुद को बचाने की राजनीतिक दलों की
लामबंदी के खिलाफ भी कुछ दलों के सुर एक होने लगे हैं। राजद के लोकसभा सदस्य
रघुवंश प्रसाद सिंह के बाद शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने सियासी
पार्टियों को आरटीआइ दायरे में लाने का समर्थन किया है।
केंद्र की सहमति के बाद सियासी पार्टियों को आरटीआइ से
बाहर रखने केलिए संसद में नया कानून बनाने की रूपरेखा बनाई जा रही है। इस बीच
तृणमूल के वरिष्ठ नेता व पार्टी प्रवक्ता डेरेक ओ-ब्रायन ने केंद्र के इस फैसले पर
कड़ी आपत्ति जताई है।
राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ओ-ब्रायन का कहना है
कि राजनीतिक पार्टियों को आरटीआइ के दायरे से बाहर रखने का केंद्र का तर्क अर्थहीन
है। बैंक खाता व आय के स्त्रोत आदि मामले में राजनीतिक पार्टियों को भी पारदर्शी
होना चाहिए और सियासी पार्टियों को आरटीआइ दायरे में आना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ
सप्ताह पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सियासी पार्टियों को आरटीआइ के दायरे
में लाने का समर्थन किया था।