NDTV Khabar: New delhi: Saturday, April 21, 2018.
राष्ट्रमंडल मानवाधिकार मुहिम के वेंकटेश नायक ने बताया कि सभी सरकारी प्राधिकरणों को मिलने वाले कुल आरटीआई आवेदनों में नौ प्रतिशत आवेदन रिजर्व बैंक समेत 26 सार्वजनिक बैंकों को मिलते हैं.
सार्वजनिक संगठनों में सरकारी बैंक सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन रद्द करने में अग्रणी हैं. एक स्वयंसेवी समूह के विश्लेषण में यह जानकारी सामने आयी है. राष्ट्रमंडल मानवाधिकार मुहिम के वेंकटेश नायक ने बताया कि सभी सरकारी प्राधिकरणों को मिलने वाले कुल आरटीआई आवेदनों में नौ प्रतिशत आवेदन रिजर्व बैंक समेत 26 सार्वजनिक बैंकों को मिलते हैं.
उन्होंने बताया कि रद्द किये जाने वाले आरटीआई आवेदनों में इनकी हिस्सेदारी 33 प्रतिशत है. मुहिम की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों को 2016-17 के दौरान 86 हजार आरटीआई आवेदन मिले.
रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद ने सर्वाधिक 71 प्रतिशत आवेदन रद्द किये. इसके बाद ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 50 प्रतिशत, कॉरपोरेशन बैंक ने 47.3 प्रतिशत, आंध्र बैंक ने 45.9 प्रतिशत तथा देना बैंक और केनरा बैंक ने 40-40 प्रतिशत आरटीआई आवेदन रद्द किये हैं.
रिजर्व बैंक ने 57 प्रतिशत आरटीआई आवेदनों को अन्य कारण बताकर रद्द किया है.