अमर उजाला: बिलासपुर: Saturday,
June 10, 2017.
बिलासपुर
में प्रस्तावित एम्स का मामला बजट भाषण की घोषणा से आगे नहीं बढ़ पाया है। इस बारे
में केंद्र की ओर से फिलहाल कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस आशय का खुलासा
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है। यह हाल तब है, जब
केंद्र ने बिलासपुर में एम्स के लिए निरीक्षण किया था।
निरीक्षण
रिपोर्ट अभी तक दिल्ली कार्यालय में धूल फांक रही है। सूचना के अधिकार के तहत दी
गई जानकारी में सीपीआईओ एंड अंडर सेक्रेट्री भारत सरकार विनोद कुमार ने लिखित में
बताया है कि एम्स के बारे में अभी केंद्र से कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
वर्ष
2015-16 के बजट सत्र में वित्त मंत्री ने 6 एम्स की बात कही थी। इसमें एक हिमाचल
का भी है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर के कोठीपुरा में एम्स खोलने के लिए प्रदेश
सरकार ने जमीन का चयन किया है। इसका केंद्रीय टीम ने निरीक्षण भी किया, लेकिन
अभी निरीक्षण रिपोर्ट की फाइल अंडर प्रोसेस चल रही है।
अधिवक्ता
विजय ठाकुर ने बताया कि केंद्र से मिली सूचना से साफ हो गया है कि अभी इस संबंध
में कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई है। अधिसूचना के बिना कॉलेज कैसे बनेगा। उन्होंने
केंद्र सरकार से मांग की है कि एम्स की अधिसूचना जारी कर बिलासपुर के लोगों से
किया गया वादा पूरा किया जाए।
एम्स
की जमीन पर शर्तों का संकट
एम्स
बनाने में दूरी होने पर प्रदेश सरकार की ओर से दी गई भूमि वापस ली जा सकती है।
दरअसल, एम्स स्थापित करने के लिए दी गई भूमि पर प्रदेश सरकार ने
शर्तें रखी हैं। इसमें शामिल एक शर्त के मुताबिक यदि औपचारिकताओं को पूरा कर काम
नहीं किया जाता है तो जमीन वापस ले ली जाएगी।