दैनिक जागरण: नई दिल्ली: Monday,
April 24, 2017.
केंद्रीय
सूचना आयोग (सीआइसी) ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से कहा है कि सूचना के अधिकार
(आरटीआइ) अधिनियम को लागू करने में गायब हुई फाइलें बड़ा रोड़ा बन गई हैं। आयोग ने
केंद्र सरकार को यह भी स्पष्ट किया कि फाइल गुम जाना कोई बचाव नहीं है। सूचना देने
से इन्कार करने में इसे बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
केंद्रीय
सूचना आयोग ने श्रम मंत्रालय के अफसरों को भी फाइलें गायब हो जाने को लेकर कारण
बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा कि यह सरासर किसी जानकारी को देने में देरी
करना या फिर असहज सवालों को टालने की कोशिश है।
सूचना
आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि भारत सरकार की या संबंधित राज्य की लापता
फाइलों को लेकर क्या नीति है?
आरटीआइ अधिनियम की धारा 4(1)(सी) के तहत सभी संबंधित तथ्यों की जानकारी देना
आवश्यक है। इसमें वह सभी अहम नीतियां और घोषणाएं भी शामिल हैं, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। आयोग बलेंद्र
कुमार की आरटीआइ याचिका की सुनवाई कर रहे थे जिसने श्रम और रोजगार मंत्रालय से
जानकारियां मांगी थीं। जवाब में मंत्रालय ने कहा था कि फाइलें मिल नहीं रही हैं।