Friday, August 28, 2015

सरकार के पास नहीं स्मार्ट सिटी का कोई मॉडल, RTI में हुआ खुलासा

Patrika: Chandigarh: Friday, August 28, 2015.
एक तरफ केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को देश के 100 स्मार्ट सिटी की सूची जारी की है वहीं दूसरी तरफ इस योजना को देशभर में अमली रूप देने वाले शहरी विकास मंत्रालय को यह तक नहीं पता है कि इस प्रोजैक्ट के तहत लोगों को किस-किस तरह की सुविधाएं मिलेंगी। यही नहीं मंत्रालय यह बता पाने में भी असमर्थ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जापान की मदद से क्या-क्या विकास परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के नेतृत्व में चलाई जाने वाली स्मार्ट सिटी परियोजना के संबंध में पानीपत निवासी आरटीआई कार्यकर्ता पी.पी.कपूर ने सूचना अधिकार के तहत कई जानकारियां मांगी। मंत्रालय किसी भी सवाल का संतुष्टीजनक जवाब दे पाने में असमर्थ रहा है।
100 स्मार्ट सिटिज के लिए दो हजार करोड़
आरटीआई में पता चला है कि मोदी सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष में प्रत्येक स्मार्ट सिटी पर मात्र 20 करोड़ खर्च किए जाएंगे। कपूर के जवाब में भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के निदेशक (स्मार्ट सिटीज) मुनीष गर्ग ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में भारत सरकार ने 100 स्मार्ट सिटिज के लिए दो हजार करोड़ रूपये की धन राशि केंद्रीय बजट में रखी है। यह वर्ष 2019-20 तक चलेगी। इन स्मार्ट सिटी में क्या सुविधाएं होंगी, इस सवाल का जवाब स्पष्ट नहीं दिया गया। इस बारे में कहा गया कि सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए कोई विशिष्ट मॉडल तय नहीं किया है। एक साईज-फिटस-ऑल की पद्धति नहीं है। प्रत्येक शहर को स्मार्ट सिटी के लिए अपनी स्वयं की संकल्पना, विजन, मिशन और योजना (प्रस्ताव) बनाने होंगें। जो उसके स्थानीय संदर्भ, संसाधनों और महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप हो। इसके लिए चयनित शहरों को अपने विजन, संसाधन जुटाने की योजना और अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के उन्नयन और स्मार्ट अनुप्रयोगों के संदर्भ में वांछित परिणामों सहित अपने स्मार्ट सिटी प्रस्ताव (एम०सी०पी) तैयार करने होंगें।
पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी व जापान के क्योटो शहर के बीच सहभागी शहर संबद्धता समझौता भारत व जापान सरकार में हुआ था। इसके तहत दोनों शहरों के बीच आधुनिकीकरण, विरासत रखरखाव, कला-संस्कृति, शिक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग होगा।
कितनी धनराशि का प्रावधान
यह कार्य कब शुरू होगा व कब संपन्न होगा इसके बारे में भी मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है। हालांकि शहरी विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता मेें समझौते के क्रियान्वन के लिए संचालन समिति गठित की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के कायाकल्प के लिए केन्द्र सरकार ने कितनी धनराशि का प्रावधान किया है व कुल प्रोजैक्ट राशि कितनी है, इसके बारे में भी मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है।