Patrika: Jind: Tuesday, June 30, 2015.
गांव
खातला की एक विधवा महिला की करीब 25 महीनों की पेंशन हड़पने का
खुलासा हुआ है। ये खुलासा आरटीआई के माध्यम से हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता खातला
निवासी राजबीर ने बताया कि उसके द्वारा गांव की सरपंच वेदपति ने अपने कार्यकाल में
किए गए कार्यों का ब्योरा मांगा था। जिसमें करीब 2892
पेज का जवाब मिला। जिसमें सरपंच की अनेक संदेहस्पद्ध मामले सामने आ रहे है। जिसके
तहत सरपंच पर अनेक आरोप लगा जा सकते है। इसमें सबसे बड़ा मामला पेंशन को हड़पने का
है।
करीब
30 हजार रुपए की पेंशन हड़पी उन्होंने बताया कि 2
अप्रैल 2011 में गांव निवासी प्रलाहद की
मौत के बाद सरकार द्वारा उसकी पत्नी मीना व उसके दो बच्चों के नाम से करीब 1150 रुपए की पेंशन दी जाती थी। मीना ने सितम्बर में
दूसरी शादी कर ली, शादी के बाद मीना ने 10 अक्टूबर 2011 को ही पंचायत को शादी की
सूचना देते हुए पेंशन को बंद करने की अपील की थी। जिसके बाद मीना ने पेंशन की राशी नहीं ली। राजबीर ने बताया कि आरटीआई में पता
चला कि मीना द्वारा पेंशन
कटवाने के बाद भी उसकी
नवंबर 2013 तक पेंशन चलती रही। जिसको
फर्जी हस्ताक्षर व अंगुठों द्वारा हड़पने का कार्य चलता रहा। इस प्रकार से करीब 30 हजार रुपए की पेंशन राशी हड़प ली। उन्होंने कहा कि इस
मामले की शिकायत उन्होंने डीसी जींद को की है।
मीना
के पति की मौत के बाद वह करीब दो साल तक गांव में ही रही थी, उन्हें नहीं पता कि उसकी शादी कब हुई और ना ही मीना
ने उन्हें कोई लिखित में इसकी जानकारी दी है। आरटीआई में जो उस पर आरोप लगाए गए है
वो आरोप झुठे है।
वेदपति
सरपंच खातला
इस
मामले को लेकर जांच की जा रही है। 30 जून को सरपंच पर लगाए गए
आरोपों को लेकर सभी दस्तावेज मंगवाए गए है। मीना पेंशन कितने दिन ले है, ये रिकार्ड से ही पता चलेगा। जांच के बाद कोई भी दोषी
पाया जाता है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की
जाएगी।
रामदत्त
शर्मा बीडीपीओ सफीदों