Saturday, April 25, 2015

हालात के मारे लोगों के हक वापसी की लड़ाई, जंतर मंतर पर धरना

एनडीटीवी खबर: नई दिल्ली: Saturday, 25 April 2015.
दिल्ली के जंतर मंतर पर 12 राज्यों के लोग घर वापसी की जगह हक वापसी की मांग को लेकर गुरुवार से बैठे हैं। विरोध भूमि अध्यादेश को लेकर भी है। मांग खाद्‌य सुरक्षा से लेकर व्हि‍सल ब्लोअर लागू करवाने की भी।
जोधपुर के बुद्धाराम बिश्नोई ने अपने दोस्त शंभूराम बिश्नोई के साथ 2012-13 में तीन घोटाले उजागर किए। इसके बाद शंभूराम की हत्या कर दी गई। बुद्धाराम कहते हैं कि जब तक व्हि‍सल ब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हो जाता तब तक किसी को भी हम जैसे लोगों पर हमला करने से डर नहीं लगेगा। अब तो किसी घपला घोटाले को उजागर करने में डर लगा रहता है।
प्रताप सिंह राठौड़ अजमेर के किशनगढ़ से आए हैं, जिनकी करीब 30 बीघे जमीन हवाई अड्डे के नाम पर ले ली गई, पर जायज़ मुआवज़ा नहीं मिला। प्रताप कहते हैं कि भरोसा ज्यादा मुआवजा का मिला, लेकिन अमल नहीं हुआ। करीब 150 परिवारों की जमीन औने पौने दामों में 2011 में ले ली गई। मुआवजा 2013 में मिला, लेकिन बहुत कम। लिहाजा राठौड़ों की ढाणी में 40 दिनों से धरना कर रहे हैं। अब भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
इसके अलावा मांगें और भी हैं जिनमें खाद्य सुरक्षा, RTI आयुक्त की नियुक्ति, लोकपाल कानून और गरीबों की योजनाओं में कटौती नहीं शामिल हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे कहते हैं कि नई सरकार जनता के अधिकारों पर प्रहार कर रही है। हमें आश्वासन मिला है कि पांच केंद्रीय मंत्रियों से मिलवाया जाएगा। हमारी मांगें उनतक पहुंचाने का मौका मिलेगा। लिहाजा हमने संसद तक मार्च करने का इरादा छोड़ दिया। कृषि भवन पर इकट्ठा जरूर हुए थे, लेकिन पुलिस ने भरोसा दिलाया कि मंत्रियों से शाम तक मुलाकात करवाएगी।